पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के लिए नरक बन चुका है और यहां रोजाना अल्पसंख्यकों की लड़कियों का अपहरण कर उनका धर्मांतरण किया जाता है। खासतौर से हिंदूओं की लड़कियों को ज्यादा निशाना बनाया जाता है और उन्हें मुस्लिम बनने को मजबूर किया जाता है। लेकिन कई साल के बाद पाकिस्तान में हिंदू मंदिर की आधारशिला रखी गई।
नई दिल्ली। पाकिस्तान हिंदूओं पर लगातार हो रहे अत्याचार और धर्मांतरण के बीच अच्छी खबर आई है। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में कई सालों के बाद हिंदू मंदिर बनेगा जबकि पाकिस्तान में लगातार पुराने मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। भगवान कृष्ण के इस मंदिर को इस्लामाबाद में 20 हजार वर्गफुट में बनाया जाएगा और इसके लिए 10 करोड़ पाकिस्तानी रुपये खर्च होंगे। हालांकि पाकिस्तान में जहां मस्जिदों के निर्माण के लिए किसी की मंजूरी नहीं लेनी होती है। वहीं इस मंदिर के निर्माण के लिए पाक सरकार ने तीन साल के बाद मंजूरी दी।
पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के लिए नरक बन चुका है और यहां रोजाना अल्पसंख्यकों की लड़कियों का अपहरण कर उनका धर्मांतरण किया जाता है। खासतौर से हिंदूओं की लड़कियों को ज्यादा निशाना बनाया जाता है और उन्हें मुस्लिम बनने को मजबूर किया जाता है। लेकिन कई साल के बाद पाकिस्तान में हिंदू मंदिर की आधारशिला रखी गई। पाकिस्तान के इस्लामाबाद के आसपास 1947 से पहले कई हिंदू मंदिर थे लेकिन अब इन मंदिरों में लोग नहीं करते हैं क्योंकि ये अब मुस्लिम इलाकों में हैं जहां पूजा-पाठ करना मना है। या फिर इन मंदिरों को मस्जिद बना दिया गया है। लेकिन अब पाकिस्तान में हिंदू मंदिर की आधारशिला रखी गई। इस मंदिर का नाम श्रीकृष्ण मंदिर दिया गया है। पाकिस्तान में रहे हिंदूओं का कहना है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अंतिम संस्कार के लिए जगह बहुत कम है और सरकार ने भी जमीन आवंटित नहीं की है। जबकि इसके लिए गुजारिश की गई है।
हालांकि पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री पीर नूरुल हक कादरी का कहना है कि मंदिर के निर्माण का खर्च उठाएगी लेकिन सच्चाई ये है कि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने इस मंदिर को बनाने के लिए तीन साल के बाद मंजूरी दी। इस मंदिर के लिए 2017 में जमीन खरीदी गई थी। लेकिन सरकार ने इसे मंजूरी नहीं दी थी। फिलहाल इस्लामाबाद हिंदू पंचायत ने इस मंदिर का नाम श्रीकृष्ण मंदिर रखा है। पंचायत का कहना है कि पाकिस्तान में श्मशान न होने के कारण मंदिर परिसर में एक श्मशान स्थल बनाया जाएगा।