खुद के बनाए बैकुंठ धाम में पंचतत्व में विलीन हुए सुब्रत राय, अर्थी को कंधा देने क्यों नहीं आए दोनों बेटे

By Kavish Aziz  |  First Published Nov 16, 2023, 6:43 PM IST

सुब्रत राय सहारा आज लखनऊ के बैकुंठ धाम में पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके अंतिम दर्शन में दोनों बेटे शामिल नहीं हो पाए ।पोते हिमांक ने सहारा श्री को मुखाग्नि दिया। यह बैकुंठ धाम सुब्रत राय सहारा का ही बनवाया हुआ था जो उन्होंने 2001 में तामीर करवाया था।

लखनऊ। सहारा प्रमुख सुब्रत राय सहारा लखनऊ के बैकुंठ धाम में पंचतत्व में विलीन हो गए उनके 16 साल के पोते हिमांक ने उन्हें मुखाग्नि दिया। सहारा श्री को अंतिम विदाई देने के लिए फिल्म जगत से लेकर राजनीतिक हस्तियां पहुंची थी। लखनऊ के बटलर पैलेस स्थित बैकुंठ धाम पर लोगों की भीड़ खचाखच थी पांव रखने की जगह नहीं थी। आने जाने वालों को एहसास था कि शहर की कोई बड़ी हस्ती आज भगवान के पास गई है। 6 साल पहले साल 2016 में इसी बैकुंठ धाम में सहारा श्री ने अपनी मां छवि राय को अंतिम विदाई दी थी।

प्लेटफार्म नंबर 8 पर दी गई मुखाग्नि

बैकुंठ धाम के प्लेटफार्म नंबर 7 से लेकर प्लेटफार्म नंबर 9 तक को रिजर्व कर दिया गया था और खूबसूरत फूलों की सजावट की गई थी। बैकुंठ धाम में सपा मुखिया अखिलेश यादव कांग्रेस के नेता प्रमोद तिवारी अभिनेता राज बब्बर, अनूप सोनी बड़े-बड़े दिग्गज सहारा श्री को नाम आंखों से अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे हुए थे। साल 2001 में सुब्रत राय ने इस बैकुंठ धाम को बनवाया था। 

4:45 बजे सुब्रत राय सहारा पंचतत्व में विलीन हो गए

सड़क से लेकर प्लेटफार्म तक कारपेट बिछाई गई थी। वीवीआईपी लोगों के लिए बैठने के लिए अलग-अलग इंतजाम था। दोपहर 2:30 बजे सहारा श्री का पार्थिव शरीर उनके आवास से निकला था। अंबेडकर चौराहा, गांधी सेतु, 1090 चौराहा होते हुए सुब्रत राय का पार्थिव शरीर बैकुंठ धाम पहुंचा। हर तरफ पुलिस बल तैनात था और 4:45 बजे सुब्रत राय सहारा पंचतत्व में विलीन हो गए।

 

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