सनी देओल नहीं अजय सिंह बने गुरदासपुर से बीजेपी प्रत्याशी, किया नामांकन?

By Team MyNationFirst Published Apr 29, 2019, 12:09 PM IST
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सनी देओल कुछ दिन पहले ही बीजेपी में शामिल हुए हैं और पार्टी ने उन्हें गुरदासपुर से उम्मीदवार घोषित किया है। इस सीट पर पहले बीजेपी नेता स्वर्गीय विनोद खन्ना ने लगातार चार बार जीत दर्ज की थी। सनी देओल आज बड़ी तैयारी के साथ नामांकन दाखिल कराने पहुंचे। उनके साथ पंजाब बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और सीनियर लीडर अश्वनी शर्मा, पंजाब बीजेपी अध्यक्ष श्वेत मलिक और पंजाब बीजेपी प्रभारी कैप्टन अभिमन्यु, केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह और जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। 

भारतीय जनता पार्टी के पंजाब के गुरदासपुर से आज प्रत्याशी अजय सिंह देओल ने नामांकन दाखिल किया। जी हां आपने सही सुना है। आप तो सोच रहे हैं होंगे कि यहां से तो बीजेपी ने फिल्म स्टार सनी देओल को टिकट दिया है। तो अजय सिंह कहां से आ गए। असल में सनी देओल का असली नाम अजय सिंह देओल है। उन्होंने आज बीजेपी के बड़े नेताओं की मौजूदगी में अपना नामांकन दाखिल किया है।

सनी देओल कुछ दिन पहले ही बीजेपी में शामिल हुए हैं और पार्टी ने उन्हें गुरदासपुर से उम्मीदवार घोषित किया है। इस सीट पर पहले बीजेपी नेता स्वर्गीय विनोद खन्ना ने लगातार चार बार जीत दर्ज की थी। सनी देओल आज बड़ी तैयारी के साथ नामांकन दाखिल कराने पहुंचे। उनके साथ पंजाब बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और सीनियर लीडर अश्वनी शर्मा, पंजाब बीजेपी अध्यक्ष श्वेत मलिक और पंजाब बीजेपी प्रभारी कैप्टन अभिमन्यु, केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह और जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। सनी देओल ने सिर पर पगड़ी पहनी हुई थी और नामांकन से पहले उन्होंने पूजा अर्चना की।

Punjab: Actor turned politician Sunny Deol files his nomination as the BJP candidate from the Gurdaspur parliamentary constituency. His brother and actor Bobby Deol also present. pic.twitter.com/aOnGloRjpy

— ANI (@ANI)

सनी के नामांकन के दौरान उनके छोटे भाई बॉबी देओल भी उनके साथ रहे। सनी देओल को देखने के लिए वहां पर काफी तादाद में भीड़ भी थी। सनी देओल आज से अपना पहला राजनीतिक करियर शुरू करने जा रहे हैं। सनी को देशभक्ति फिल्मों में उनके अभिनय के लिए जाना जाता है। इस सीट पर हालांकि पहले विनोद खन्ना की पत्नी कविता खन्ना टिकट चाह रही थी।

लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। क्योंकि खन्ना परिवार में टिकट को लेकर विवाद था, विनोद खन्ना का पहली पत्नी के बेटे अक्षय खन्ना भी उनकी राजनैतिक विरासत को संभालने के लिए तैयार थे। गौरतलब है कि 2017 में विनोद खन्ना का मौत के बाद बीजेपी उपचुनाव में इस सीट को हार गयी थी और इस पर कांग्रेस के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की।

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