टेरर फंडिंग करने वाले कारोबारी को सुप्रीम कोर्ट से झटका, रद्द की जमानत

Published : Apr 02, 2019, 02:55 PM IST
टेरर फंडिंग करने वाले कारोबारी को सुप्रीम कोर्ट से झटका, रद्द की जमानत

सार

टेरर फंडिंग मामले में जम्मू- कश्मीर के कारोबारी जहूर वटली को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला एनआईए की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है।

टेरर फंडिंग मामले में जम्मू- कश्मीर के कारोबारी जहूर वटली को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला एनआईए की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है। बता दें कि एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर वटाली की जमानत रद्द करने की मांग की थी। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल सिंतबर महीने में जहूर वटाली को जमानत दी थी। हाईकोर्ट ने वटाली को दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। 

दरअसल अगस्त 2017 में एनआईए ने टेरर फंडिंग मामले में कश्मीर के कारोबारी जहूर वटाली को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने कारोबारी और अन्य संदिग्धों के ठिकानों पर छापे भी मारे थे। एनआईए के मुताबिक छापेमारी में कई संदिग्ध चीजें मिली थी। जिनमें जहूर वटाली को विदेशी स्रोतों से मिले धन की रसीद और इस राशि को कश्मीर के आतंकियों तथा अलगावादियों में वितरण के सबूत भी शामिल है।

एनआईए ने 3 जून को श्रीनगर में वटाली के घर की तलाशी ली थी और वित्तीय लेनदेन तथा जमीन के सौदे से संबंधित संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए थे। प्रॉपर्टी के दस्तावेज से ही पता चला था कि खरीद-बिक्री के लिए बड़ी राशि का नकद लेनदेन हुआ है। गौरतलब है कि एनआईए ने साल 2017 में टेरर फंडिंग मामले में 12 लोगों को नामजद किया था। इनमें हिजबुल मुजाहिदीन के मुखिया सैयद सलाहुद्दीन और 26/11 का मास्टरमाइंड हाफिज सईद भी शामिल थे।

सलाहुद्दीन और हाफिज को छोड़ 10 अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था। अलगाववादी नेता आसिया और उसकी दो सहयोगियों को देशद्रोह से जुड़े अन्य मामले में महीनों से न्यायिक हिरासत में हैं। तीनों पर हिंसा भड़काने, जम्मू-कश्मीर को अलग करने की कथित तौर पर मांग करने और देशद्रोह जैसे आरोप है।

PREV

Recommended Stories

क्या आपको भी बहुत गुस्सा आता है? ये कहानी आपकी जिंदगी बदल देगी!
सड़कों से हटेंगी आपकी स्लीपर बसें? NHRC के आदेश ने मचाई खलबली