राहुल गांधी द्वारा जारी किए गए कांग्रेस के घोषणापत्र में कश्मीर घाटी में सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी घटाने की भी बात कही गई है।
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। इसमें किसानों, गरीबों, बेरोजगारों और युवाओं के लिए सियासी वादों की झड़ी लगाई गई है। लेकिन कुछ हैरान करने वाली बातें भी शामिल की गई है। कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि अगर उनकी सरकार बनी तो पूर्वोत्तर समेत कई राज्यों में सुरक्षा बलों को दिए गए विशेष अधिकार यानी सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (अफ्स्फा) की धाराओं की समीक्षा की जाएगी। वहीं देशद्रोह को परिभाषित करने वाली धारा को खत्म कर दिया जाएगा।
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— Congress (@INCIndia)'हम निभाएंगे' शीर्षक वाले कांग्रेस के घोषणापत्र कहा गया है कि देशद्रोह के अपराध को परिभाषित करने वाली भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए को खत्म किया जाएगा, क्योंकि इस धारा का बहुत दुरुपयोग किया गया है।
घोषणापत्र में कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बलों की तैनाती की समीक्षा करने, घुसपैठ रोकने के लिए सीमा पर अधिक सैनिकों को तैनात करने, कश्मीर घाटी में सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों यानी सीएपीएफ की मौजूदगी को कम करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस को और अधिक जिम्मेदारी सौंपने का वादा किया है।
इसके साथ ही कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम और अशांत क्षेत्र अधिनियम की समीक्षा की जाएगी। सुरक्षा की जरुरतों और मानवाधिकारों के संरक्षण में संतुलन के लिए कानूनी प्रावधानों में उपयुक्त बदलाव किए जाएंगे।
घोषणापत्र में कहा गया है कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के लोगों से बिना शर्त बातचीत का वादा करती है। साथ ही इस तरह की बातचीत के लिए नागरिक समाज से चुने हुए 3 वार्ताकारों की नियुक्ति करेगी।
दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कांग्रेस का घोषणापत्र जारी किया। इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, पी चिदंबरम और एके एंटनी मौजूद थे। इस दौरान मनमोहन सिंह ने कहा कि देश के हर कोने के विकास के लिए पार्टी ने कई लोगों से चर्चा के बाद यह घोषणापत्र तैयार किया है।