विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट से लगा करारा झटका

By Gopal KrishanFirst Published Dec 7, 2018, 1:27 PM IST
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विजय माल्या के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की जांच जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इसपर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। 

अदालत ने माल्या को आर्थिक अपराध का भगोड़ा घोषित करने की ईडी की याचिका पर पीएमएलए कोर्ट में हो रही सुनवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है।

माल्या ने एक याचिका दायर कर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उसके खिलाफ की जा रही करवाई पर रोक लगाने की मांग की थी। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। ईडी ने विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर उसकी संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की थी। 

इसी कार्रवाई को लेकर माल्या ने उच्चतम न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी, लेकिन अदालत ने ईडी की कार्रवाई पर रोक लगाने के बजाय उसे नोटिस जारी कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आदेश दे दिया। 

 माल्या ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उसकी संपत्ति को जब्त करने की करवाई पर भी रोक लगाने की मांग की थी। प्रवर्तन निदेशालय उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग कर रहा है। 

इससे पहले 22 नवंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी विजय माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उसे आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने के प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही करवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी। 

ईडी का कहना है कि माल्या शुरुआत से ही ऋण चुकाने का कोई इरादा नहीं रखता था। जबकि उसके और एमएस यूबीएचएल के पास पर्याप्त संपत्तियां थीं जो ऋण चुकाने के लिए पर्याप्त थीं। माल्या ने जानबूझकर ऐसा किया है। इसलिए माल्या आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित किया जाए और उसकी संपत्ति जब्त की जाए।

इससे पहले माल्या ने ट्वीट कर कहा था कि उसके प्रत्यर्पण के फैसले को लेकर कई तरह की टिप्पणियां की जा रही हैं, जो कि एक अलग मामला है और वह पूरा पैसा लौटाने को तैयार हैं। 

माल्या ने आगे कहा था कि वह इस बात को समझ नहीं पा रहा है कि उनके प्रत्यर्पण का निर्णय या दुबई से हालिया प्रत्यर्पण या फिर समझौता प्रस्ताव आपस में कैसे जुड़े हैं। 

माल्या ने ट्वीट कर कहा था, 'जहां कहीं भी मैं फिजिकली उपस्थित हूं, मेरी अपील है कृपया पैसे ले लें। मैं इस बात को खत्म करना चाहता हूं कि मैंने पैसा चुराया है।'
विजय माल्या अभी ब्रिटेन में है और जमानत पर बाहर है। 

भारत का करीब 9,000 करोड़ रुपये लेकर देश से भागे 62 वर्षीय माल्या के प्रत्यर्पण पर 10 दिसंबर को ब्रिटिश कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया जाना है। 
 

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