गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण पर सर्वोच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया है। जिसके तहत विशेष दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। साल 2020 से प्रदूषणनिरोधी नए मानकों के अनुरुप ही वाहन बेचे जाएंगे। यानी अगर आप हाल फिलहाल में नई गाड़ी खरीदना चाहते हैं तो नए मानकों के मुताबिक ही खरीदें।
सुप्रीम कोर्ट ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्ती दिखाते हुए कोर्ट ने अप्रैल 2020 से देशभर में बीएस-4 श्रेणियों के वाहनों की बिक्री पर रोक लगा दी है।
कोर्ट का यह आदेश एक अप्रैल, 2020 से लागू हो जाएगा। इसके बाद से न तो बीएस-4 वाहनों की बिक्री होगी या न ही इनका रजिस्ट्रेशन होगा।
पिछले साल भी मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-3 वाहनों की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश सुनाया था।
कोर्ट ने कंपनियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि लोगों की सेहत ऑटोमोबाइल कंपनियों के फायदे से ज्यादा जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सड़क पर आने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
पिछले दिनों शहरों में प्रदूषण को दूर करने के लिए सरकार ने बीएस-6 फ्यूल की बिक्री शुरू करने का एलान किया था। दरअसल, बीएस-6 फ्यूल में सल्फर की मात्रा काफी कम होती है जिसकी वजह से प्रदूषण भी कम फैलता है। वहीं, बीएस-6 वाले वाहनों से नाइट्रोजन ऑक्साइड का 89 फीसदी और पीएम का 50 फीसदी कम उत्सर्जन होगा।
हालांकि कंपनियों ने बीएस-4 वाहनों का स्टॉक खत्म करने के लिए ग्रेस पीरियड दिये जाने की मांग की गई थी। लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया।
देशभर में बीएस-6 उत्सर्जन मानक एक अप्रैल 2020 से लागू होगा। बीएस-4 उत्सर्जन मानक को अप्रैल 2017 से लागू किया गया था। 2016 में केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि 2020 तक बीएस-5 को छोड़ते हुए बीएस-6 उत्सर्जन मानक को देशभर में लागू किया जाएगा।
भारत स्टेज भारत सरकार का बनाया हुया स्टैंण्डर्ड हैं, जिसे 'बीएस' के नाम से जाना जाता है। देश में चलने वाली हर गाड़ी के लिए इन मानकों पर खरा उतरना जरूरी है। इसके जरिए ही गाड़ियों से निकलने वाले धुएं से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रण में रखा जाता है।
भारत में शुरुआत बीएस-2 इंजन से हुई थी, जो अब बढ़कर बीएस-4 हो गई है।अब सरकार ने तय किया है कि बीएस-4 के बाद सीधे बीएस-6 स्टैंडर्ड लागू किया जाएगा।