अयोध्या मामले की जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, हिंदू महासभा का याचिका खारिज

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने कहा, पहले ही अपीलों को जनवरी में उचित पीठ के पास सूचीबद्ध कर दिया गया है। 

Supreme Court rejects Ayodhya dispute case early hearing plea

सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है। ये अपील अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने दाखिल की थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने कहा कि उसने पहले ही अपीलों को जनवरी में उचित पीठ के पास सूचीबद्ध कर दिया है।    

अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ओर से उपस्थित अधिवक्ता बरूण कुमार के मामले पर शीघ्र सुनवाई करने के अनुरोध को खारिज करते हुए पीठ ने कहा, ‘हमने आदेश पहले ही दे दिया है। अपील पर जनवरी में सुनवाई होगी। अनुमति ठुकराई जाती है।’

इस मुद्दे पर पहले 29 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी। इसमें चीफ जस्टिस ने सुनवाई टाल दी थी और जनवरी, 2019 की तारीख दी थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाने से संत समाज में काफी रोष पैदा हुआ था। 29 अक्टूबर की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि जनवरी में उपयुक्त पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। उन्होंने इस मामले पर तुरंत सुनवाई की पक्षकारों की मांग को खारिज कर दिया। 

सुप्रीम कोर्ट के मामले को तीन महीने के लिए टालने से काफी विवाद खड़ा हो गया था। इसके बाद हिंदू संगठनों और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने केंद्र सरकार पर राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश लाने का दबाव बढ़ा दिया है।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर की पीठ ने आदेश दिया था कि विवादित भूमि के मालिकाना हक वाले दीवानी मामले की सुनवाई तीन जजों की पीठ 29 अक्टूबर से करेगी। पीठ ने नमाज के लिए मस्जिद को इस्लाम का अनिवार्य अंग नहीं मानने वाले इस्माइल फारूकी मामले में 1994 के फैसले के अंश को पुनर्विचार के लिए सात जजों की पीठ को भेजने से इनकार कर दिया था।     

vuukle one pixel image
click me!