राफेल रिव्यू याचिका और राहुल गांधी पर अवमानना मामले में फैसला सुरक्षित

By Gopal K  |  First Published May 10, 2019, 5:46 PM IST

राफेल लड़ाकू विमान मामले में दायर पुनर्विचार याचिका और राहुल गांधी पर अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। राफेल सौदे पर उच्चतम न्यायालय ने सभी पक्षों से कहा कि वे 2 हफ्ते में लिखित दलीलें दे सकते हैं। 

 नई दिल्ली: मामले की सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। इनकी पुनर्विचार याचिका को नही सुना जाना चाहिये। कोर्ट इसे खारिज करे। जो पहले के लड़ाकू विमान हैं, वह काफी पुराने हो गए हैं। 

वहीं इसका विरोध करते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि ‘हम चाहते हैं कि सीबीआई राफेल मामले में जांच करे हम यह नही चाहते कि राफेल डील रद्द की जाए। 18 सितंबर को सीसीएस की मीटिंग में डिफेंस डील के आठ महत्वपूर्ण प्रावधानों को अनदेखा किया गया था। यहां तक कि एन्टी करप्शन क्लॉज को अनदेखा किया गया।  कोर्ट ने उनकी जांच की मांग पर सुनवाई नहीं की, बल्कि इस आधार पर सुनवाई की कि हम डील को रद्द कराना चाहते हैं’। 

भूषण का कहा था कि केंद्र ने कोर्ट के समक्ष उस समय सीएजी की उस रिपोर्ट का हवाला दिया जो उस समय अस्तित्व में ही नहीं थी। उस जानकारी के आधार पर कोर्ट ने फैसला दिया। 

उधर राफेल विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट के हवाले से चौकीदार ...... है का नारा लगाने वाले राहुल गांधी पर भी फैसला सुरक्षित रखा गया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांग ली है। राहुल गांधी ने नया हलफनामा देकर कहा था कि गलती से पार्टी का राजनीतिक नारा कोर्ट के आदेश के साथ मिला कर बोल दिया था। इससे पहले के हलफनामे में राहुल गांधी ने गलती के लिए सिर्फ खेद प्रकट किया था। 

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि चौकीदार चोर है बयान पर राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी है। पिछली सुनवाई के दौरान बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि राहुल गांधी आये दिन चौकीदार चोर है कह रहे है। 

अभी हालही में उन्होंने ये बाते बिहार में भी कही है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने राहुल गांधी के वकील को फटकार लगाते हुए कहा था कि आपके क्लाइंट बयान भी देते हैं और उसे उचित ठहराने की कोशिश भी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था  कि हमने यह सब फैसले में कब कहा। 

मुकुल रोहोतगी ने कहा था कि राहुल गांधी ने अपने सियासी फायदे के लिए कोर्ट को मोहरा बनाया, सुप्रीम कोर्ट का नाम ले कर जानबूझ कर चौकीदार चोर वाला बयान दिया। मुकुल रोहतगी ने कहा था कि राहुल गांधी का बयान ग़ैर ज़िम्मेदाराना है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी आप हमको कुछ कहने के लिए मजबूर कर रहे है पिछली सुनवाई पर हमने कुछ नही कहा था लेकिन यह आपका दूसरा हलफनामा है। 

जबकि राहुल गांधी के वकील ने कहा था कि चौकीदार चोर है वाले बयान को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से जोड़ने के लिए हमने खेद जताया है। जिसपर मुख्य न्यायाधीश ने कहा था आपको खेद जताने के लिये 22 पेज का हलफनामा देना पड़ा, और यह कोष्ठक में खेद लिखने का क्या मतलब है। 

राहुल गांधी ने अपने हलफनामे में कोष्ठक में खेद लिखा था। जिसके बाद राहुल गांधी के वकील ने अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा था।
 

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