Patanjali Supreme Court: SC ने पतंजलि आयुर्वेद से कहा-क्यों न लगाए एक करोड़ का जुर्माना? जानें वजह

By Surya Prakash TripathiFirst Published Feb 27, 2024, 5:32 PM IST
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Patanjali Supreme Court News: पतंजलि आयुर्वेद उसके प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी की है। सुप्रीम कोर्ट ने इन पर अपने उत्पादों में भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ उसके आदेश का उल्लंघन करने के लिए यह कार्रवाई की है।

नई दिल्ली। देश में लोकप्रिय ब्रांड बन चुके योग गुरु बाबा रामदेव के स्वामित्व वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद उसके प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी की है। सुप्रीम कोर्ट ने इन पर अपने उत्पादों में भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ उसके आदेश का उल्लंघन करने के लिए यह कार्रवाई की है।

कोर्ट ने एलोपैथ के खिलाफ गलत सूचना पर की तल्ख टिप्पणी
देश की शीर्ष अदालत ने अगले आदेश तक पतंजलि आयुर्वेद को अपने औषधि उत्पादों का विज्ञापन करने से भी रोक दिया है। एलोपैथ के खिलाफ गलत सूचना के संबंध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि समूह पर तल्ख टिप्पणी की।

शीर्ष अदालत ने कहा भ्रामक विज्ञापन बर्दाश्त नहीं
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि भ्रामक विज्ञापनों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने कोर्ट से कहा कि पतंजलि ने योग की मदद से मधुमेह और अस्थमा को पूरी तरह से ठीक करने का दावा किया था। जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि भविष्य में ऐसा करने पर प्रति उत्पाद विज्ञापन पर एक करोड रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।

कोर्ट ने कहा क्यों न को जाए कार्रवाई?
शीर्ष अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद के अधिवक्ताओं से पूछा कि क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। विज्ञापनों में छपी फोटो के आधार पर नोटिस जारी किया गया है। उच्चतम न्यायालय ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रिंट या अन्य मीडिया में किसी भी रूप में किसी भी चिकित्सा प्रणाली के खिलाफ बयान देना बंद कर दें।

IMA की याचिका पर अगली सुनवाई 15 मार्च को
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की शिकायत के अनुसार योग गुरु बाबा रामदेव कथित तौर पर मेडिकल बिरादरी द्वारा इस्तेमाल की जा रही दवाओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैला रहे थे। इसी के खिलाफ आईएमए ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने अगली सुनवाई 15 मार्च तय की है।

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