चुनाव एजेंट बनने से बढ़ी थी गांधी परिवार से करीबी, अब बन सकते हैं कांग्रेस के अध्यक्ष

By Team MyNation  |  First Published Jul 1, 2019, 10:07 PM IST

शिंदे को पार्टी का वफादार कार्यकर्ता माना जाता है। यही नहीं जब भी गांधी परिवार ने उनकी राजनैतिक बली मांगी तो शिंदे ने खुशी-खुशी उस पर सहमति दे दी। यही कारण है कि शिंदे को गांधी परिवार पार्टी की कमान सौंपने की तैयारी कर रहा है। जब महाराष्ट्र में विलासराव देशमुख को राज्य की कमान सौंपी जा रही थी तो उस वक्त मुख्यमंत्री के दौड़ में शिंदे का नाम भी था। 

सुशील कुमार शिंदे, आज की राजनीति का सबसे बड़ा चर्चित चेहरा। क्योंकि कांग्रेस पार्टी अब इस दिग्गज नेता को पार्टी की कमान सौंपने की तैयारी में है। हालांकि इसका ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन शिंदे के पार्टी अध्यक्ष बनने की पूरी संभावना है। शिंदे कभी महाराष्ट्र पुलिस में हुआ करते और अब देश की सबसे पुरानी राजनीतिक दल के मुखिया बनने जा रहे हैं।


शिंदे को पार्टी का वफादार कार्यकर्ता माना जाता है। यही नहीं जब भी गांधी परिवार ने उनकी राजनैतिक बली मांगी तो शिंदे ने खुशी-खुशी उस पर सहमति दे दी। यही कारण है कि शिंदे को गांधी परिवार पार्टी की कमान सौंपने की तैयारी कर रहा है। जब महाराष्ट्र में विलासराव देशमुख को राज्य की कमान सौंपी जा रही थी तो उस वक्त मुख्यमंत्री के दौड़ में शिंदे का नाम भी था। लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया।

ताकि राज्य की सियायत से वह बाहर चले जाएंगे और आलाकमान विलासराव देशमुख को मुख्यमंत्री बनाए।  शिंदे पहले राजनीति में नहीं आना चाहते थे। उन्होंने कानून की डिग्री लेने के बाद गृह-नगर सोलापुर की अदालत में वकालत की। उसके बाद उनकी नौकरी महाराष्ट्र पुलिस में लग गयी। उन्हें शरद पवार राजनीति में लेकर आये। बाद में जब शरद पवार ने कांग्रेस छोड़ी तो शिंदे ने गांधी परिवार का दामन पकड़े रखा।

लोकसभा चुनाव में गांधी परिवार ने शिंदे से बनायी थी दूरी

दो महीने पहले लोकसभा चुनाव में शिंदे ने सोलापुर सीट अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन उन्हें हार मिली। शिंदे ने सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से उनके लिए रोड शो करने की गुजारिश की। लेकिन गांधी परिवार ने उनके रोड शो से किनारा किया। गांधी परिवार को डर था कि रोड शो करने के कारण पूरे महाराष्ट्र में गलत संदेश जाएगा।

राजनैतिक गुरु के बजाए चुनी कांग्रेस

शिंदे महाराष्ट्र पुलिस में थे और उन्हें राजनीति में लाने का श्रेय महाराष्ट्र की राजनीति के दिग्गज शरद पवार को जाता है। लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब शिंदे को पवार और कांग्रेस को चुनना था। लेकिन उन्होंने कांग्रेस यानी गांधी परिवार को ही चुना। जबकि पवार ने कांग्रेस छोड़ दी थी।

सोनिया के बने थे चुनाव एजेंट

सुशील कुमार शिंदे पर सोनिया गांधी का काफी भरोसा है। तभी 1999 के लोकसभा चुनाव में लंबी फौज होने के बाद सोनिया ने उन्हें अपने इलेक्शन एजेंट बनाया। जबकि सोनिया और शिंदे के बीच 1990 के दशक से नजदीकियां बढ़ी।

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