मोदी 2.0: काले धन पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' की प्रक्रिया तेज, स्विस बैंकों से नोटिस आना शुरू

पिछले एक हफ्ते में स्विस बैंकों में खाता रखने वाले 11 भारतीयों को मिले नोटिस। 30 दिन के अंदर अपील का आखिरी मौका दिया। मार्च से अब तक 25 लोगों को मिल चुके हैं नोटिस। 

Switzerland steps up process to share banking information, 11 Indians get notices in Modi 2.0

नई दिल्ली/बर्न। 30 मई को दूसरे कार्यकाल की शपथ लेने जा रही नरेंद्र मोदी सरकार में विदेशों में कालाधन रखने वालों के बुरे दिन आने वाले हैं। स्विट्जरलैंड ने अपने बैंकों में खाता रखने वाले भारतीयों की सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। पिछले एक सप्ताह में ही करीब एक दर्जन भारतीयों को इस संबंध में नोटिस दिया गया है।

स्विस अथॉरिटी ने मार्च से अब तक उनके बैंकों के भारतीय ग्राहकों को कम से कम 25 नोटिस जारी किए हैं। भारत सरकार के साथ खाताधारकों की जानकारी साझा करने के खिलाफ उन्हें अपील करने का एक आखिरी मौका दिया गया है।

स्विट्जरलैंड उसके बैंकों में खाते रखने वाले ग्राहकों की गोपनीयता बनाए रखने को लेकर एक बड़े वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में जाना जाता रहा है। लेकिन कर चोरी के मामले में वैश्विक स्तर पर समझौते के बाद गोपनीयता की यह दीवार अब नहीं रही। खाताधारकों की सूचनाओं को साझा करने को लेकर भारत सरकार के साथ उसने समझौता किया है। अन्य देशों के साथ भी ऐसे समझौते किए गए हैं। 

स्विस बैंक के विदेशी उपभोक्ताओं की सूचनाएं साझा करने से संबंधित स्विट्जरलैंड के फेडरल टैक्स विभाग के नोटिसों के अनुसार, स्विट्जरलैंड ने हालिया समय में कुछ देशों के साथ सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। पिछले कुछ सप्ताह के दौरान भारत से संबंधित मामलों में अधिक तेजी आई है।

गजट जारी कर दी शुरुआती जानकारी

स्विट्जरलैंड सरकार ने गजट से सार्वजनिक की गई जानकारियों में उपभोक्ताओं का पूरा नाम न बताकर सिर्फ नाम के शुरुआती अक्षर बताए हैं। इसके अलावा उपभोक्ता की राष्ट्रीयता और जन्मतिथि का जिक्र किया गया है। गजट के अनुसार, सिर्फ 21 मई को 11 भारतीयों को नोटिस जारी किए गए हैं। जिन दो भारतीयों का पूरा नाम बताया गया है उनमें मई 1949 में पैदा हुए कृष्ण भगवान रामचंद और सितंबर 1972 में पैदा हुए कल्पेश हर्षद किनारीवाला शामिल हैं। हालांकि, इनके बारे में अन्य जानकारियों का खुलासा नहीं किया गया है।

जन्मतिथि बताई, नाम अब भी राज

अन्य नामों में जिनके शुरुआती अक्षर बताए गए हैं उनमें 24 नवंबर 1944 को पैदा हुए एएसबीके, नौ जुलाई 1944 को पैदा हुए एबीकेआई, दो नवंबर 1983 को पैदा हुई श्रीमती पीएएस, 22 नवंबर 1973 को पैदा हुई श्रीमती आरएएस, 27 नवंबर 1944 को पैदा हुए एपीएस, 14 अगस्त 1949 को पैदा हुई श्रीमती एडीएस, 20 मई 1935 को पैदा हुए एमएलए, 21 फरवरी 1968 को पैदा हुए एनएमए और 27 जून 1973 को पैदा हुए एमएमए शामिल हैं। इन सभी को भेजे नोटिसों में कहा गया है कि संबंधित ग्राहक या उनका कोई अधिकृत प्रतिनिधि आवश्यक सबूतों के साथ 30 दिनों के भीतर अपील करने के लिए उपस्थित हो। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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