अमरनाथ यात्रा हमले की तैयारी कर रहे हैं आतंकी, सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर

By Team MyNation  |  First Published Jun 28, 2019, 10:41 AM IST

दो दिन बाद यानी 1 जुलाई से बाबा बर्फानी अमरनाथ की पवित्र गुफा की यात्रा शुरु हो जाएगी। लेकिन इस बार की यात्रा पर आतंकवादी हमले का खतरा मंडरा रहा है। खुफिया विभाग ने खबर दी है कि आतंकवादी पहाड़ियों में छिप कर यात्रा शुरु होने का इंतजार कर रहे हैं। इसकी वजह से सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। 
 

श्रीनगर: अमरनाथ पवित्र गुफा की यात्रा की तैयारियां पूरी हो गई हैं। इस बीच चिंताजनक खबर मिली है कि कश्मीर के गांदरबल और कंगन की पहाड़ियों में छिपकर आतंकवादी श्रद्धालुओं के काफिलों की सुरक्षा में तैनात जवानों पर हमला कर सकते हैं। मल्टी एजेन्सी सेन्टर ने यह खास अलर्ट जारी किया है। 

खुफिया सूत्रों ने जानकारी दी है कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी बालटाल रूट से होने वाली अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा बलों को निशाना बना सकते हैं। 

गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कश्मीर का दौरा किया था। उन्होंने अधिकारियों को अमरनाथ यात्रा के लिए चाक-चौबंद सुरक्षा इंतजाम करने का आदेश दिया है। गृहमंत्री ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को होई अलर्ट रहने और श्रद्धालुओं के लिए हिंसा मुक्त यात्रा मुहैया कराने को कहा। 

उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए और हर हाल में स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर का पालन किया जाना चाहिए। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने सीनियर अफसरों को खुद सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लेने को कहा है। 

दरअसल अमरनाथ यात्रा के दौरान हमले की आशंका खुफिया विभाग पहले से ही जता रहा है। इसीलिए पिछले साल की अपेक्षा इस बार करीब डेढ़ गुणा ज्यादा जवानों की तैनाती की योजना बनाई जा चुकी है। 

 वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से यह खबर आई है कि साल 2019 की यात्रा के लिए 4 सौ से ज्यादा सुरक्षा बलों की कंपनियां तैनात की जा रही हैं। 

पिछले साल यानी 2018 में सुरक्षा बलों की  213 कंपनियों की तैनाती की गई थी।  वहीं साल 2017 में सुरक्षा बलों की 181 कंपनियों की तैनाती की गई थी। 

अमरनाथ यात्रा लगभग 46 दिनों तक चलती है। यह यात्रा 1 जुलाई से लेकर 15 अगस्त तक चलती है। लेकिन इस यात्रा की सुरक्षा के लिए 15 जून के बाद से ही सुरक्षा बलों की तैनाती शुरु कर दी गई है।  

राज्य प्रशासन की नजर अमरनाथ यात्रियों को आतंकियों से बचाने के अतिरिक्त उन्हें प्राकृतिक हादसों से भी सुरक्षित रखने पर है। इसलिए यात्रा के दौरान किसी भी तरह की आपदा की स्थिति से निपटने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस की 11 माउंटेन रेसक्यू टीमों को तैनात किया जाएगा। इसके अलावा चार एनडीआरएफ की टीमों को भी तैनात किया जाएगा।

इस बार की यात्रा के दौरान अधिकारियों से यह भी कहा गया कि वो यात्रा को सफल बनाने के लिए आधुनिक तकनीक और गैजेट्स का इस्तेमाल करें।  सरकार ने अमरनाथ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए अलग से लगभग 55 करोड़ का फंड भी दिया है। 

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