गणतंत्र दिवस पर मंडरा रहा है आतंकी हमले का खतरा

Published : Jan 16, 2019, 06:37 PM IST
गणतंत्र दिवस पर मंडरा रहा है आतंकी हमले का खतरा

सार

जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों का गुट देश में आतंकी हमले की साजिश रच रहा है। उनके निशाने पर गणतंत्र दिवस समारोह हो सकता है। जिसमें अब दस दिनों से भी कम समय बचा हुआ है। 

देश में आतंकवादी हमले की मंशा लिए तीन खूंखार आतंकवादी सीमा पार से भारत में घुस आए हैं। यह हैं अब्दुल रशीद गाजी, मोहम्मद उमर और मोहम्मद इस्माइल। यह तीनों जैश सरगना मसूद अजहर के भतीजे हुजैफा के नेतृत्व में हमारे देश में तबाही मचाने की साजिश रच रहे हैं। 

सभी सुरक्षा एजेन्सियों को जैश की इस साजिश की जानकारी है। लेकिन वह सब चुपचाप इन सभी को निपटाने की तैयारी कर रहे हैं। क्योंकि इन आतंकियों की भारत में मौजूदगी की खबर आम लोगों में दहशत का माहौल तैयार कर सकती है। 

बताया जा रहा है कि हुजैफा और अब्दुल रशीद गाजी अक्टूबर 2018 को ही भारतीय सीमा में घुसने में कामयाब हो गए थे। जबकि मोहम्मद इस्माइल और उमर इन दोनों के आने के पहले से ही कश्मीर में छुपकर रह रहे थे। 

खुफिया सूत्रों ने जानकारी दी है कि हुजैफा और अब्दुल रशीद के साथ तीन और खूंखार आतंकी भी भारतीय सीमा में मौजूद हैं। लेकिन उनके नामों का खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है। 

दरअसल जैश ए मोहम्मद के सरगना अजहर मसूद के दो नजदीकी रिश्तेदार कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए हैं। 

नवंबर 2017 को मसूद का भांजा रशीद तल्हा पुलवामा में और अक्टूबर 2018 को उसका भतीजा उस्मान इब्राहिम त्राल में मारा गया था। 

इन दोनों की मौत से मसूद अजहर को बड़ा धक्का पहुंचा और वह इन दोनों की मौत का बदला लेने की फिराक में है। 

इसलिए मसूद ने अपने दूसरे भतीजे हुजैफा के नेतृत्व में अपने सबसे खूंखार आतंकियों का दस्ता भारत भेजा है। 

खुफिया सूत्रों का कहना है कि पिछले साल दिसंबर तक यह सभी आतंकी दक्षिण कश्मीर में छिपे हुए थे। लेकिन अब उन्होंने अपना ठिकाना बदल लिया है और अब यह सब उत्तरी कश्मीर में किसी सुरक्षित ठिकाने में छिपे हुए हैं। 

यह लोग 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस या फरवरी में अफजल गुरु को सजा ए मौत वाले दिन किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं। 

इन आतंकियों में से गाजी, उमर और इस्माइल अफगानिस्तान में हुई जंग में भी हिस्सा ले चुके हैं। फिलहाल सुरक्षा बलों के सामने इन्हें तलाश करके ठिकाने लगाने की बड़ी चुनौती है। 
 

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