आतंकी से सैनिक बन शहादत देने वाले नजीर अहमद वानी को अशोक चक्र

By Team MyNationFirst Published Jan 24, 2019, 1:31 PM IST
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- सरेंडर करने के बाद वह 2004 में प्रादेशिक सेना में शामिल हो गए। वह कश्मीर में आतंकवाद के सफाए के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन का हिस्सा थे। उन्हें दो बार सेना मेडल से भी नवाजा गया था। 

आतंकवादी से सैनिक बनकर शहादत देने वाले लांस नायक नजीर अहमद वानी को शांतिकाल का सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार अशोक चक्र प्रदान किया जाएगा। साल 2018 में वानी जम्मू-कश्मीर में एक आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान शहीद हो गए थे। 26 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उनके परिजनों को यह सम्मान प्रदान करेंगे। 

A serving officer consoling father of Lance Naik Nazir Ahmad of 34 Rashtriya Rifles, who lost his life fighting terrorists in in Kulgam district of J&K. pic.twitter.com/k2Yklmf1Ev

— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi)

राष्ट्रपति सचिवालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, 'लांस नायक नजीर अहमद वानी ने अदम्य  साहस दिखाते हुए दो आतंकियों को मार गिराया।  इस दौरान उन्होंने अपने घायल साथियों को मुठभेड़ स्थल से बाहर निकालने में भी सहायता की। इस कोशिश में वह शहीद हो गई। उन्होंने भारतीय सेना की उच्च परंपरा को जारी रखते हुए अपना  सर्वोच्च बलिदान दिया।'

पूर्व में खुद आतंकी रहे वानी सरेंडर करने के बाद वह 2004 में प्रादेशिक सेना में शामिल हो गए थे। वह कश्मीर में आतंकवाद के सफाए के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन का हिस्सा थे। उन्हें दो बार सेना मेडल से भी नवाजा गया था। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। 

जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में 25 नवंबर को ऑपरेशन ऑलआउट में सुरक्षा बलों ने 6 आतंकी ढेर कर दिए थे। लांस नायक वानी एक बेहतरीन सिपाही थे। वर्ष 2007 में उनकी वीरता के लिए उन्‍हें सेना मेडल दिया गया था। वह कुलगाम तहसील के चेकी अश्‍मूजी गांव के रहने वाले थे। दक्षिण कश्‍मीर में स्थित कुलगाम जिला आतंकवादियों का गढ़ माना जाता है। 

26 नवंबर को शोपियां में वानी को हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तय्यबा के छह हथियारबंद आतंकियों के भागने का रास्ता बंद करने का जिम्मा दिया गया था। राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, 'खतरे को भांपते हुए आतंकियों ने सेना की अंदरूनी घेराबंदी को तोड़ने की कोशिश की। इस दौरान गोलीबारी की और ग्रेनेड फेंके। हालात भांपते हुए वानी जमीन पर लेट गए और एक आतंकी को गोलीबारी कर मार गिराया। वह घायल हो गए थे लेकिन उन्होंने उन पर हमला कर रहे दूसरे आतंकी को भी ढेर कर दिया। गंभीर रूप से घायल वानी ने बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।'

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