राज्यपाल पर दबाव बनाने राजभवन पहुंचे ठाकरे सरकार के मंत्री!

राज्य विधान परिषद में दो सीटें खाली हैं। जिनमें राज्यपाल अपने विवेक से राज्य सरकार की सिफारिश पर किसी को सदन का सदस्य नामित कर सकते हैं। लिहाजा  मंगलवार को पवार के साथ राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात, जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल राज्यपाल से मिले। 

Thackeray government minister reached Raj Bhavan to pressurize governor

मुंबई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधायक नामित करने को लेकर अभी तक राज्यपाल ने कोई फैसला नहीं लिया है। जिसको लेकर राज्य की उद्धध ठाकरे सरकार परेशान है। हालांकि पिछले दिनों राज्य के मंत्री इसको लेकर सवाल उठा चुके हैं। जिसको लेकर राज्य की सत्ताधारी सरकार और भाजपा के वार शब्दों के वाण चल चुके हैं। वहीं अब राज्यपाल पर दबाव बनाने के लिए सत्ताधारी महाराष्ट्र विकास अगाड़ी सरकार के मंत्री राजभवन पहुंचे।

Thackeray government minister reached Raj Bhavan to pressurize governor

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व में राजभवन पहुंचे नेताओं ने उद्धव ठाकरे को जल्द से जल्द विधायक नामित करने की मांग की। हालांकि राज्य सरकार ने इसके लिए प्रस्ताव 9 अप्रैल को भेजा था, लेकिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया। मंगलवार को पवार के साथ राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात, जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल राज्यपाल से मिले। हालांकि राज्यपाल ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं किया है।

राज्य सरकार ने  विधान परिषद में रिक्त दो सीटों में से एक के लिए मुख्यमंत्री ठाकरे के नामांकन का प्रस्ताव किया था। जिसके बाद गेंद राज्यपाल के पक्ष में हैं। जिसको लेकर राज्य सरकार दबाव में है। हालांकि अभी समय बहुत है  क्योंकि ठाकरे ने 28 नवबंर को मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली थी और छह महीने के भीतर किसी भी सदन का सदस्य बनना अनिवार्य है।  अगर ऐसा हीं होता है तो मुख्यमंत्री का पद जा सकता है और राज्य में संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है।

अभी तक ठाकरे किसी भी सदन के सदस्य नहीं है  और उन्हें 28 मई तक राज्य विधानमंडल के किसी भी सदन के लिए चुना जाना जरूरी है। पिछले दिनों की सत्ताधारी दल के नेताओं ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल पर किसी का दबाव है और इसलिए इस बारे में कोई फैसला नहीं ले रहे हैं। जबकि इसके बाद भाजपा ने राज्य सरकार पर राज्यपाल पर दबाव बनाने का आरोप लगाया था।
 

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