साजिश कर अपने ही घर में घिरा ड्रैगन, जनता मांग रही है सैनिकों की मौत का जवाब

अमेरिका की ब्रेइटबार्ट न्यूज में छपे एक लेख के मुताबिक सैनिकों के परिजन काफी परेशान हैं क्योंकि अभी तक चीन ने मारे गए सैनिकों के नाम को सार्वजनिक नहीं किए हैं और लोग सोशल मीडिया पर सरकार से सैनिकों को लेकर सवाल कर रहे हैं। वहीं सरकार जनता को शांत नहीं करा पा रही है।

The dragon engulfed in his own house, the public is demanding answers to the death of soldiers

नई दिल्ली।  अपनी साजिशों से दुनिया के लिए मुसीबत पैदा करने वाला चीन अब अपनी साजिशों से अपने घर में ही घिर गया है। चीन की जनता  शी जिनपिंग सरकार से भारत और चीन के बीच लद्दाख में सैनिकों के बीच हुई झड़प में मारे गए सैनिकों के नाम को उजागर करने की मांग कर रही है। अभी तक चीन ने मारे गए कई सैनिकों के नाम नहीं बताए हैं और इसको लेकर परिजनों में गुस्सा है और वह सरकार के खिलाफ बयान दे रहे हैं।

The dragon engulfed in his own house, the public is demanding answers to the death of soldiers

अमेरिका की ब्रेइटबार्ट न्यूज में छपे एक लेख के मुताबिक सैनिकों के परिजन काफी परेशान हैं क्योंकि अभी तक चीन ने मारे गए सैनिकों के नाम को सार्वजनिक नहीं किए हैं और लोग सोशल मीडिया पर सरकार से सैनिकों को लेकर सवाल कर रहे हैं। वहीं सरकार जनता को शांत नहीं करा पा रही है। जानकारी के मुताबिक गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की मौत के बाद उनके परिजनों ने चीन की ही सोशल मीडिया साइट्स वीबो और साइट पर शी जिनपिंग के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया है। वहीं जनता सरकार पर दबाव बना रही है कि वह ये बताए कि कितने सैनिकों की मौत हुई है और उनके नाम को सरकार के उजागर करे।

गौरतलब है कि 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे जबकि चीन के 40 से ज्यादा सैनिक भी मारे जाने की खबर है। लेकिन चीनी सरकार ने अभी तक सैनिकों के नामों को उजागर नहीं किया है। अभी तक महज चीनी सरकार के मुखपत्र माने जाने वाले अखबार ग्लोबल टाइम्स ने ही माना कि सैनिक हताहत हए हैं लेकिन उसने भी संख्या को नहीं बताया है। जबकि एक दिन पहले समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए गए इंटरव्यू में भारत में तैनात चीनी राजदूत ने माना कि चीन के सैनिक हताहत हुए हैं।
 

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