अब कश्मीर के युवा पाकिस्तान समर्थित आंतकवाद से तंग आ चुके हैं। वो कश्मीर और देश के विकास और सुरक्षा के लिए अन्य देशवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलकार चलना चाहते हैं। लिहाजा इसका असली जवाब पहले तो भारत सरकार की योजनाओं से जुड़कर दे रहे हैं। वहीं अब युवा भारतीय सुरक्षा बलों में भर्ती का इंतजार कर रहे हैं।
श्रीनगर। पहले जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटना और फिर उसके बाद राज्य का केन्द्र शासित प्रदेश बन जाना। न कोई आतंक और कोई विरोध। हालांकि पाकिस्तान कश्मीर की शांति को देकर पहले ही लाल हो रहा है। अब ये खबर पाकिस्तान और इमरान खान के लिए सबसे बड़ा झटका है। कश्मीर में बीएसएफ द्वारा शुरू किए गए भर्ती अभियान के लिए कश्मीर घाटी के 10 हजार युवाओं ने फार्म भरा है। जबकि बीएसएफ को महज 13 युवाओं को भर्ती करना है। कड़ी सर्दी, ठंड और बर्फबारी के बीच कश्मीर के युवाओं की लंबी कतार श्रीनगर के बीएसएफ हेडक्वार्टर पर लगी थी।
अब कश्मीर के युवा पाकिस्तान समर्थित आंतकवाद से तंग आ चुके हैं। वो कश्मीर और देश के विकास और सुरक्षा के लिए अन्य देशवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलकार चलना चाहते हैं। लिहाजा इसका असली जवाब पहले तो भारत सरकार की योजनाओं से जुड़कर दे रहे हैं। वहीं अब युवा भारतीय सुरक्षा बलों में भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। राज्य में बीएसएफ ने कश्मीर युवाओं के लिए भर्ती अभियान शुरू किया है। इस अभियान में 13 सौ कश्मीरी युवाओं की भर्ती होनी है। जबकि इसके लिए दस हजार से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं। बर्फबारी और कड़ाके की सर्दी के बावजूद लंबी कतारों में फार्म को भरकर बीएसएफ में भर्ती होने के लिए लाइन लगाए हुए हैं। ये पाकिस्तान के आतंकवाद को एक तरह से मुंहतोड़ जवाब दिया है।
श्रीनगर में बीएसएफ के केन्द्र से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक बीएसएफ ने महज 13 सौ भर्ती निकाली है। जबकि अभी तक दस हजार से ज्यादा युवा भर्ती के लिए आवेदन कर चुके हैं। ये युवा घाटी के दूर दराज के इलाकों से आ रहे हैं। भर्ती के आने वाले युवा कोई पुलवामा का है तो कोई आतंकवाद से प्रभावित शोपियां के दूर दराज के इलाके का रहने वाला है। इन युवाओं का साफ कहना है कि उन्हें किसी तरह का कोई डर नहीं है और वह देश की सेवा करना चाहते हैं। राज्य में बीएसएफ के साथ ही अन्य सुरक्षा बल युवाओं की नियुक्ति कर रहे हैं। जिसमें भारी संख्या में युवा आ रहे हैं।