इस शख्स को 2012 के गुजरात चुनावों और 2014 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का परचम लहराने के दौरान पर्दे के पीछे का रणनीतिकार माना जाता है।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर एक बार फिर कमल हाथ में लिए दिखाई पड़ेंगे। बीजेपी के सूत्रों ने उनकी वापसी की पुष्टि की है।2012 के गुजरात चुनावों और 2014 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का परचम लहराने के दौरान पर्दे के पीछे रणनीतिकार रहे प्रशांत विपक्ष द्वारा लपक लिए गए थे लेकिन वो फिर से बीजेपी के साथ जुड़ने को लेकर उत्सुक हैं।
बीजेपी की तरफ से विकास का मुद्दा अहम होगा ऐसे में पार्टी के सूत्र बताते हैं कि प्रशांत की वापसी तय है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रशांत की अमित शाह से मुलाकात हो भी चुकी है। लेकिन प्रशांत की भूमिका अब के हालातों में बीजेपी के साथ क्या होगी ये अभी तय नहीं हो सका है। जानकारी के मुताबिक पिछले दो महीनों में प्रशांत औरअमित शाह कि दो बार मीटिंग हो चुकी है। अब प्रशांत की तरफ से उनके अंतिम कदम का इंतजार है कि किस दिन से वो अपना अभियान चालू करते हैं।
प्रशांत किशोर एक नए संगठन चलाने लगे हैं जिसका नाम है इंडियन पॉलिटिक्स एक्शन कमेटी। बातचीत आखिरी दौर में है। सूत्र बताते हैं कि जल्दी ही आखिरी घोषणा प्रशांत और बीजेपी दोनों की तरफ से हो सकती है।