जानिए क्यों 7 साल की बच्ची भिड़ गई हाथियों से? मिलेगा वीरता पुरस्कार

By Team MyNation  |  First Published Jan 15, 2019, 3:36 PM IST

इस गणतंत्र दिवस के मौके पर सात बच्चों को वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इन सात बच्चों में से एक ऐसी वीर बच्ची है जिसने अपनी जान की परवा न करते हुए ऐसा कर दिखाया जिसे देख सभी हैरान हो गए। 

इस गणतंत्र दिवस के मौके पर सात बच्चों को वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इन सात बच्चों में से एक ऐसी वीर बच्ची है जिसने अपनी जान की परवा न करते हुए ऐसा कर दिखाया जिसे देख सभी हैरान हो गए। इस बच्ची का नाम है कांति जो की छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में रहती है। कांति 7 साल की है और इस मासूम ने अपनी जान पर खेलकर अपनी 3 साल की बहन को हाथियों से बचा कर जान बचा ली।

सरगुजा जिले के उदयपुर के मोहनपुर गांव के रहने वाले विनोद सिंह की 7 साल की बेटी कांति के गांव में 17 जुलाई जंगली हाथियों के झुंड ने धावा बोला। पूरे गांव में फसल बर्बाद करने के बाद झुंड बस्तियों तक तबाही फैलाने पहुंच गया। हाथी पूरे गांव में उपद्रव करने लगे। हाथियों का झुंड ग्राम निवासी खोरा राम कंवर के घर को तोड़ते हुए बाड़ी में पहुंच गया और वहां लगी मक्का की फसल को बर्बाद करने लगा।

हाथियों से डर के कारण खोरा राम के परिवार के सभी सदस्य घर में तीन वर्ष की बच्ची सोनिया को भूलकर बाहर निकल गए। कुछ दूर जाकर अपने साथ सोनिया को न देखकर सभी सहम गए, लेकिन घर को घेरे हुए हाथियों के झुंड के बीच जाने की किसी की हिम्मत नहीं हुई। सभी छोटी बच्ची सोनिया के लिए परेशान थे, इसी बीच कांति वहां से बिजली की फुर्ती के साथ घर की ओर दौड़ी। हाथियों के झुंड के बीच से होते हुए वह घर के अंदर पहुंची और छोटी बहन को गोद में उठाकर उसे वापस हाथियों के झुंड के बीच से होते हुए सकुशल बचा लाई। इस बच्ची की बहादुरी को देखते हुए पुलिस ने इसे वीरता सम्मान देने की अनुशंसा की थी।

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