बहुसंख्यकों के बीच पहुंच बढ़ाने के प्रयास कर रही तृणमूल बिहार तथा झारखंड की प्रवासी हिंदीभाषी आबादी के साथ तालमेल बढ़ा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सॉफ्ट हिंदुत्व पॉलिटिक्स के बाद बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस भी अपनी ‘नरम हिंदुत्ववादी’ छवि बनाने में जुट गई है। पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले बंगाल में भाजपा को रोकने के लिए दक्षिण बंगाल के आसनसोल इलाके में 10 सूर्य मंदिरों का निर्माण कराने पर विचार कर रही है।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और आसनसोल नगर निगम के मेयर जितेंद्र कुमार तिवारी मंदिरों के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं और अगले साल छठ पूजा से पहले इनका निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। बहुसंख्यक समुदाय के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयास कर रही तृणमूल कांग्रेस इस क्षेत्र में बिहार तथा झारखंड की प्रवासी हिंदीभाषी आबादी के साथ तालमेल बढ़ा रही है। इस क्षेत्र में पांच लोकसभा क्षेत्र हैं।
छठ पूजा समन्वय समिति के अध्यक्ष तिवारी ने कहा, ‘दुर्गापुर-आसनसोल के इस क्षेत्र में बड़ी हिंदीभाषी आबादी रहती है। हर साल हम छठ पूजा पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखते हैं। उनके लिए हमने क्षेत्र में 10 सूर्य मंदिर बनाने का फैसला किया है।’
पश्चिम वर्द्धमान से तृणमूल विधायक तिवारी ने कहा कि मंदिरों की डिजाइन दिसंबर तक तैयार हो जाएगी और निर्माण की लागत करीब दो करोड़ रुपये होगी। उन्होंने कहा, ‘हमने मंदिरों के निर्माण के लिए स्थानीय लोगों से चंदा लेना शुरू कर दिया है। हमने विभिन्न इलाकों में चंदा लेने के लिए मंदिर समितियां बनाई हैं। आसनसोल नगर निगम सड़क और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगा।’
आसनसोल-दुर्गापुर पट्टी 2014 के चुनावों के बाद से राज्य के उन क्षेत्रों में शामिल रही है जो राजनीतिक और सांप्रदायिक लिहाज से परिवर्तनशील रहे हैं। 2014 के चुनाव में यहां भाजपा के बाबुल सुप्रियो ने जबरदस्त जीत हासिल की थी। इस साल मार्च-अप्रैल में राम नवमी समारोहों को लेकर क्षेत्र में सांप्रदायिक दंगे भड़के।
तृणमूल के मंदिर निर्माण के अभियान को भाजपा की बढ़ती सेंध को रोकने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। सुप्रियो की जीत के बाद से इलाके में भगवा पार्टी का दबदबा बढ़ा है।