कुंभ मेले को सफल बनाने के लिए रेलवे ने कसी कमर

By dhananjay Rai  |  First Published Oct 26, 2018, 1:01 PM IST

प्रयागराज में संगम के किनारे 2019 में कुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है। आस्था के इस सबसे बड़े आयोजन में देश और दुनिया से करोड़ों की संख्या में लोग तीर्थराज प्रयाग में गंगा, जमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाने के लिए आते हैं। इसके लिए रेलवे ने अपनी तैयारी शुरु कर दी है।
 


नई दिल्ली- कुंभ आयोजन को सुचारु रुप से संपन्न कराने के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसी कारण प्रयाग में एक साल पहले से ही मेले की तैयारी चल रही है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ प्रदेश सरकार का कोई ना कोई मंत्री तैयारियों का जायजा लेने के लिए प्रयाग पहुंचता है।

अब आस्था के इस सबसे बड़े संगम में आने-जाने के लिए भक्तों को किसी प्रकार का कष्ट नहीं हो इसके लिए भारतीय रेलवे भी अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। भारतीय रेलवे कुंभ मेले में आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की यात्रा को बेहतर और सुविधाजनक बनाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का उपयोग करने जा रहा है।  

कुंभ में करोड़ो की संख्या में लोग आते हैं इसे देखते हुए रेलवे प्रयाग के लिए देश के विभिन्न भागों से कई विशेष ट्रेन चलाएगा। इसके अलावा कई विशेष और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस गाडिया भी चलाई जाएंगी।

रेलवे बोर्ड  श्री राजेश अग्रवाल और उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने बताया कि, 2019 में प्रयागराज में आयोजित हो रहे कुंभ मेलें कुंभ मेला में आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि " प्रयागराज के लिए कई मेमू ट्रेनों को अलग-अलग जगह से चलाया जाएगा। इसके अलावा अप्रवासी भारतीयों के लिए दिल्ली से प्रयागराज तक के लिए पूरी तरह से एसी-द्वितीय श्रेणी डिब्बों वाली 5 विशेष ट्रेनें भी चलाई जाएंगी। इन ट्रेनों में हमसफर एक्सप्रेस के नए रेक के बराबर सुविधाएं होंगी। इस दौरान सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा और आधुनिक मशिनों से प्लेटफार्म और ट्रेनों की सफाई कराई जाएगी।

2013 में आयोजित हुए कुंभ मेला में मौनी अमावस्या के दिन इलाहाबाद जंक्शन पर भगदड़ मचने से 29 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में करीब 80 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस तरह की किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए रेलवे के तीनो जोन और स्थानीय सिविल प्रशासन के बीच समन्वय बनाए रखने के लिए अपर महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

इसके अलावा प्रयाग आने वाले यात्रियों को रुकने के लिए करीब 10,000 तीर्थयात्रियों की क्षमता वाले चार बड़े आश्रयस्थल बनाया जा रहा है। इन आश्रयस्थलों में वेंडिंग स्टॉल, वॉटर बूथ, टिकट काउंटर, एलसीडी टीवी, पीए सिस्टम, सीसीटीवी साथ ही महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय बनाया जा रहा है।

click me!