मोदी सरकार के पहली मंत्रिपरिषद की बैठक आज, पांच साल के विकास का खाका होगा तैयार

Published : Jun 12, 2019, 09:03 AM ISTUpdated : Jun 12, 2019, 09:33 AM IST
मोदी सरकार के पहली मंत्रिपरिषद की बैठक आज, पांच साल के विकास का खाका होगा तैयार

सार

आज होने वाली बैठक में तीन तलाक के लिए नया विधेयक ला सकती है। जो पुराने विधेयक का स्थान लेगा। पीएम मोदी की पिछली सरकार ने तीन तलाक विधेयक पेश किया था। इस विधेयक को लोकसभा से तो मंजूरी मिल गयी थी। लेकिन राज्यसभा में बहुमत न होने के कारण ये राज्यसभा में लंबित रह गया था। लिहाजा पिछले महीने 16 वीं लोकसभा के कार्यकाल के खत्म होते ही ये बिल अपने आप खत्म हो गया है।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए की सरकार की आज पहली मंत्रिपरिषद की बैठक होने जा रही है। इस बैठक की खास बात ये है कि इसमें अगले पांच साल का खाका पेश किया जाएगा। जिस आधार पर आगे देश का विकास होगा। ऐसा माना जा रहा है कि कैबिनेट आज तीन तलाक पर प्रतिबंध के नए विधेयक को भी बैठक में मंजूरी दे सकती है।

दो दिन ही पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केन्द्रीय मंत्रालयों के सचिवों से मिल चुके हैं और उन्हें देश के विकास के लिए योजनाओं को कारगर तरीके से लागू करने का आदेश दे चुके हैं। बीजेपी की अगुवाई में एनडीए को इस बार प्रचंड बहुमत मिला है। लिहाजा सरकार पिछले सरकार में शुरू की गयी योजनाओं का अच्छे तरीके से क्रियान्वयन करना चाहती है।

इसके साथ ही जनता की सुविधाओं के लिए नई योजनाओं को शुरू करना चाहती है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक आज होने वाली बैठक में तीन तलाक के लिए नया विधेयक ला सकती है। जो पुराने विधेयक का स्थान लेगा। पीएम मोदी की पिछली सरकार ने तीन तलाक विधेयक पेश किया था। इस विधेयक को लोकसभा से तो मंजूरी मिल गयी थी।

लेकिन राज्यसभा में बहुमत न होने के कारण ये राज्यसभा में लंबित रह गया था। लिहाजा पिछले महीने 16 वीं लोकसभा के कार्यकाल के खत्म होते ही ये बिल अपने आप खत्म हो गया है। अगर आज कैबिनेट इसे मंजूरी देती है तो 17 जून से चलने वाले सत्र में इस पेश किया जाएगा।

फिर लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी मिलने के बाद इस राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। फिलहाल अभी नजर राज्यसभा पर है, जहां बीजेपी के अभी भी इसे पारित कराने के लिए संख्या बल नहीं है। लेकिन कई क्षेत्रीय पार्टियां सरकार के पक्ष में हैं, लिहाजा सरकार भी इसी उम्मीद पर चल रही है कि क्षेत्रीय दल कई विधेयकों पर सरकार को समर्थन देंगे।

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