आज पाकिस्तान के लिए हो सकता है काला सोमवार, एफएटीएफ कर सकता है ब्लैकलिस्ट

By Team MyNationFirst Published Oct 14, 2019, 8:15 AM IST
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एफएटीएफ की इकाई एशिया पैसिफिक ग्रुप ने पहले ही पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। उसकी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान आतंकी फंडिंग को रोकने में विफल रहा है। लिहाजा उसने तीन महीने पहले ही पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया था। जिसके बाद पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। लिहाजा आज का दिन पाकिस्तान के लिए काफी अहम है।

नई दिल्ली। कंगाल हो चुके पाकिस्तान को आज एफएटीएफ ब्लैक लिस्ट कर सकता है। आज फ्रांस की राजधानी पेरिस में एफएटीएफ की बैठक होने वाली है। जिसमें पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है। अगर पाकिस्तान ब्लैकलिस्ट हो जाता है तो उसे अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों से कर्ज मिलने में दिक्कत होगी और पाकिस्तान की स्थिति और ज्यादा खराब हो जाएगी।

हालांकि एफएटीएफ की इकाई एशिया पैसिफिक ग्रुप ने पहले ही पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। उसकी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान आतंकी फंडिंग को रोकने में विफल रहा है। लिहाजा उसने तीन महीने पहले ही पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया था। जिसके बाद पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। लिहाजा आज का दिन पाकिस्तान के लिए काफी अहम है।

असल में पिछले साल जून में पेरिस में हुई एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखा गया था। पाकिस्तान को एक साल का समय दिया गया था। ताकि वह आतंकी फंडिंग को अपने देश में रोक सके। लेकिन पाकिस्तान ने किसी भी शर्त को लागू नहीं किया। लिहाजा इससे एफएटीएफ पाकिस्तान से खफा है।

उम्मीद की जा रही है कि पाकिस्तान के साथ ही ईरान और उत्तर कोरिया को भी ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। हालांकि ये भी उम्मीद की जा रही है कि पाकिस्तान का आका चीन पाकिस्तान को बचाने की पूरी कोशिश करेगा। लेकिन अगर पाकिस्तान फिर से ग्रे लिस्ट में आता है तो अगली बार वह जरूर ब्लैकलिस्ट में आ जाएगा।

गौरतलब है कि पाकिस्तान में आतंकी कैंप चल रहे हैं और इसके साथ ही पाकिस्तान आतंकी संगठनों को फंडिंग भी करता है। जिसके जरिए वह दुनिया में आतंक फैलाता है। पिछले दिनों ही पाकिस्तान ने आईएमएफ से कर्ज लिया है। लेकिन उसने अभी तक पाकिस्तान को एक ही किस्त दी है।

लेकिन अगर पाकिस्तान ब्लैकलिस्ट में आ जाता है तो आईएमएफ उसे अगली किस्त रोक देगा। इसके बाद पाकिस्तान में गृहयुद्ध हो सकता है। क्योंकि आईएमएफ ने पाकिस्तान पर कई तरह की शर्तें थोपी हैं। जिसके कारण वहां की जनता पर बोझ बढ़ गया है।

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