कोलकाता में दो हिंदू लड़कियों का 'जबरन धर्मांतरण कर निकाह' कराने का सनसनीखेज आरोप

By Anindya Banerjee  |  First Published Apr 1, 2019, 7:09 PM IST

पीड़ित पिता लगा रहा न्याय की गुहार। दो बेटियों में एक को नाबालिग बताया। दूसरी बेटी का अभी तक अतापता नहीं।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण करा निकाह कराने की घटनाओं के बीच पश्चिम बंगाल के कोलकाता से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। कोलकाता में एक शख्स ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी दो बेटियों का जबरन धर्मांतरण कराने के बाद शादी करा दी गई है। इनमें से एक लड़की नाबालिग है। 

अब यह शख्स अपनी बेटियों के लिए न्याय की गुहार लगा रहा है। 31 मार्च को उसने इस मामले में दूसरी शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि पुलिस की ओर से अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पिता का दावा है कि पुलिस ने अभी एफआईआर तक दर्ज नहीं की है। 

जबरन धर्मांतरण और शादी कराने के आरोप

अपनी शिकायत में पीड़ित पिता ने कहा है कि, ‘मेरी दो बेटियां हैं। हाल में मुझे पता चला कि हमारे इलाके में कुछ मुस्लिम लड़के बालिग और नाबालिग दोनों तरह की लड़कियों को फंसाने की कर रहे हैं। इसमें मेरी बेटियां भी शामिल हैं।’ पिता के मुताबिक, शुरुआत में उन्होंने हिंदू बनकर मेरी बेटियों से मेलजोल बढ़ाने की कोशिश की। लेकिन जब मेरी बेटियों को आरोपियों (शहबाज और अहमद खान) की असलियत का पता चल गया तो उन्होंने कोई भी संबंध रखने से इनकार कर दिया। 

अपनी नाबालिग लड़की का जिक्र करते हुए पीड़ित पिता ने कहा, ‘आरोपी युवक और उसके दोस्तों ने मेरी नाबालिग लड़की को धमकाना शुरू कर दिया। उसने धमकी दी कि वह मुझे, मेरी पत्नी और बेटे समेत परिवार के दूसरे को सदस्यों को जान से मार देगा। उसने मेरी नाबालिग बेटी पर इस्लाम अपनाने और शादी करने के लिए दबाव बनाया। जब उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया तो आरोपी बार-बार उसे ऐसा करने की धमकी देता रहा।’

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पीड़ित नाबालिग को किया गया बरामद

पिता की ओर से पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, ‘ऐसा हालात में 11 मार्च को मैंने पाया कि मेरी दोनों लड़कियां लापता हो गई हैं। काफी खोजबीन करने के बावजूद लड़कियों का पता नहीं चला। इसके बाद जोरबागान पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने मेरी एक बेटी को खोज निकाला।’ 12 मार्च को पीड़ित पिता ने एक और शिकायत (जीडी नंबर 935) दर्ज कराई। इसमें बेटी के लापता होने की गुहार लगाते हुए पुलिस से मदद मांगी गई। 

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पिता ने कहा, ‘मेरी बेटी के बरामद होने के बाद इस पूरे मॉड्यूल का खुलासा हो गया है। उसे शहबाज अहमद खान के साथ शादी करने के लिए बाध्य किया गया। यहां तक कि उसका नाम भी बदल दिया गया। मुस्लिम निकाहनामे में उसकी उम्र 19 साल लिखी गई है जबकि वह महज 17 साल के करीब है।’

भले ही पुलिस ने नाबालिग लड़की को बरामद कर लिया हो लेकिन उसकी बड़ी बहन अभी तक घर नहीं लौटी है। संपर्क किए जाने पर पीड़ित पिता ने ‘माय नेशन’ को बताया, ‘वह अब भी वहीं है।’ जब उनसे पूछा गया कि वह इतने दावे के साथ कैसे कह सकते हैं कि बड़ी लड़की ने अपनी मर्जी से धर्म नहीं बदला है, तो उन्होंने कहा, ‘छोटी बेटी ने लौटने के बाद सारी कहानी हमें बताई थी। उसने बताया कि हम दोनों को शादी करने के लिए धमकाया गया था। उसका कहना है कि हमसे कहा गया था कि अगर शादी नहीं की तो माता-पिता समेत परिवार के सदस्यों को मार देंगे और दोनों के चेहरे पर तेजाब फेंक देंगे। इससे दोनों घबरा गईं थीं।’ पिता का कहना है कि निकाह को कोलकाता के बुर्रा बाजार इलाके की ‘बड़ी मस्जिद’ में कराया गया।

नाबालिग का नहीं कराया मेडिकल

अपनी दोनों बेटियों के लिए न्याय की लड़ाई अकेले लड़ रहे पिता की शिकायत है कि नाबालिग लड़की के बरामद होने के बाद उसका कोई मेडिकल नहीं कराया गया। इससे साबित होता कि उसका यौन उत्पीड़न तो नहीं किया गया।

कई सवाल जिनके जवाब नहीं हैं?

यह घटना न सिर्फ कोलकाता में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर धब्बा है बल्कि कई अहम सवाल भी खड़े करती है। 

  1. पीड़ित परिवार की बड़ी लड़की को अभी तक बरामद क्यों नहीं किया गया?
  2. नाबालिग लड़की को बरामद करने के बाद उसका मेडिकल क्यों नहीं कराया गया?
  3. पीड़ित पिता का कहना है कि पुलिस ने जनरल डायरी दर्ज की है। सवाल उठता है कि कोलकाता पुलिस ने इतने संवेदनशील मामले में एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की?
  4. क्या बंगाल के महिला आयोग को इस घटना की जानकारी है? अगर है तो उन्होंने इस मामले में अब तक क्या किया है?
  5. क्या पीड़ित शख्स की ओर से जबरन धर्मांतरण कराने को लेकर किए जा रहे दावों की पुष्टि के लिए राज्य सरकार किसी तरह की जांच का आदेश देगी? 
  6. क्या कोलकाता में इस तरह का कोई बड़ा मॉड्यूल सक्रिय है?

इस बीच, ‘माय नेशन’ से बात करते हुए टीएमसी के सांसद इद्रीस अली ने कहा, ‘इस्लाम जबरन धर्मांतरण की इजाजत नहीं देता। मुझे नहीं पता कि क्या हुआ है। लेकिन मुझे लगता है कि ये अफवाहें हैं, जिन्हें कुछ शरारती तत्व फैला रहे हैं।’

कोलकाता के टॉप कॉप जावेद शमीम ने ‘माय नेशन’ से कहा कि उन्हें इस घटना से जुड़े तथ्यों की जानकारी नहीं है। उन्होंने डीसी (दक्षिणपूर्व) कल्याण मुखर्जी से संपर्क करने की बात कही। यह मामला मुखर्जी के अधिकारक्षेत्र में आता है। मामले की शिकायत भी वहीं दर्ज हुई है। ‘माय नेशन’ ने मुखर्जी से भी संपर्क किया है। फिलहाल उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मिलने पर उसे खबर के साथ जोड़ दिया जाएगा। 

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