हालांकि ये पहले से ही माना जा रहा था कि कांगेस कार्यसमिति की बैठक आज कुरूक्षेत्र में तब्दील होगी। क्योंकि पार्टी के भीतर दो फाड़ हो गए हैं और बागी गुट पार्टी के भीतर लोकतंत्र स्थापित करने की मांग कर रहा है। वहीं गांधी परिवार का वफादार गुट गांधी परिवार से किसी को अध्यक्ष की कमान सौंपने का पक्षधर है।
नई दिल्ली। कांग्रेस में फिलहाल आज हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में तो फाड़ हो गए हैं और सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश के बाद घमसान मचा हुआ है। फिलहाल कांग्रेस में एक गुट ने नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं और इसके बाद दो भाड़ हो गए हैं। इसमें जहां एक तरफ गांधी परिवार के समर्थन में नेता सामने आ रहे हैं वहीं बागी नेताओं ने भी सख्त तेवर अपनाते हुए गांधी परिवार को खुली चुनौती दे दी है।
हालांकि ये पहले से ही माना जा रहा था कि कांगेस कार्यसमिति की बैठक आज कुरूक्षेत्र में तब्दील होगी। क्योंकि पार्टी के भीतर दो फाड़ हो गए हैं और बागी गुट पार्टी के भीतर लोकतंत्र स्थापित करने की मांग कर रहा है। वहीं गांधी परिवार का वफादार गुट गांधी परिवार से किसी को अध्यक्ष की कमान सौंपने का पक्षधर है। कल ही सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी और इसके पहले चिट्ठी का जवाब भी दिया जिसमें बागी गुट ने मौजूदा नेतृत्व पर सवाल उठाए गए थे।
वहीं बागी नेताओं ने भी अपने तेवर सख्त अपनाते हुए नेतृत्व को खुली चुनौती दी है। फिलहाल सोनिया गांधी के समर्थन में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और वरिष्ठ कांग्रेसी एके एंटनी ने बागी गुट की आलोचना की है और इन नेताओं के प्रति गुस्सा भी जाहिर किया। इसके साथ ही गांधी परिवार समर्थक नेताओं का कहना है कि जो चिट्ठी बागियों ने पार्टी आलाकमान को लिखी है उसके पीछे भाजपा शामिल है। लिहाजा अब चिट्ठी और बगावत को लेकर राहुल के बाद प्रियंका गांधी ने भी गुलाम नबी को लेकर नाराजगी जाहिर की।
वहीं आज की बैठक में गांधी परिवार द्वारा लगाए आरोप को लेकर गुलाम नबी आजाद नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि अगर उनकी भाजपा के साथ मिलीभगत साबित हो गई तो वे राजनीति से इस्तीफा दे देंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस के बागी नेताओं ने सोनिया गांधी को 7 अगस्त को चिट्ठी लिखकर कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे। जिसके बाद पार्टी में घमासान मचा हुआ है। सोनिया को पत्र लिखने वालों में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, शशि थरूर, जितिन प्रसाद, मुकुल वासनिक और भूपेंद्र सिंह हुड्डा शामिल है।