महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दो दिसंबर को घोषणा की कि उनकी सरकार मुंबई से अहमदाबाद तक प्रमुख बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा करेगी। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस परियोजना के धन को किसानों को कर्ज माफी देने की तैयारी में है। सच्चाई ये है कि कुल बजट यानी 1.1 लाख करोड़ रुपये है और महाराष्ट्र सरकार इस परियोजना में करीब 5 हजार करोड़ रुपये भुगतान करने वाली थी।
महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दो दिसंबर को घोषणा की कि उनकी सरकार मुंबई से अहमदाबाद तक प्रमुख बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा करेगी। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस परियोजना के धन को किसानों को कर्ज माफी देने की तैयारी में है। सच्चाई ये है कि कुल बजट यानी 1.1 लाख करोड़ रुपये है और महाराष्ट्र सरकार इस परियोजना में करीब 5 हजार करोड़ रुपये भुगतान करने वाली थी। जबकि बाकी जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी द्वारा लगभग 81 प्रतिशत प्रायोजित किया जा रहा है, जिसने भारत को 0.1 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ 50 वर्षों के लिए ऋण के रूप में बढ़ाया है। लेकिन अब महाराष्ट्र सरकार अपने गठबंधन सहयोगियों को खुश करने के लिए ये फैसला करना जा रही है और ये फैसला विकास प्रक्रिया के लिए हानिकारक के अलावा और कुछ नहीं है।
बुलेट ट्रेन परियोजना 2017 में शुरू हुई थी, जब जापान के प्रधान मंत्री, शिज़ो आबे अहमदाबाद में हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मिले और इस परियोजना की समय सीमा 15 अगस्त, 2022 को निर्धारित की गई है। यह प्रस्तावित बुलेट ट्रेन मुंबई से 508 किमी की दूरी तय करेगी। और अहमदाबाद 320 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलेगी। नेशनल हाई-स्पीड रेलवे कॉरपोरेशन जो इस परियोजना का निर्माण कर रहे हैं, उसने इसके लिए जरूरी जमीन का 48% फीसदी हिस्सा ग्रहण कर लिया है और इसके लिए कई निविदाएँ भी जारी की गई हैं।
विवाद यहीं खत्म नहीं होते हैं। नए सीएम ने एक निर्णय भी लिया है, जिसमें गंभीर कानून व्यवस्था के निहितार्थ हो सकते हैं। उन्होंने भीमा कोरेगांव हिंसा में शामिल "कार्यकर्ताओं" के खिलाफ दायर आपराधिक मामलों को वापस लेने की योजना बनाई है। हालाँकि, यह एक नया लक्षण नहीं है। कांग्रेस के सत्ता में आते ही हमने 2018 में मध्य प्रदेश में भी ऐसा होते देखा है। कमलनाथ सरकार ने मध्य प्रदेश में पंद्रह साल के भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल के दौरान दर्ज किए गए लगभग पचास हजार मामलों को वापस लेने का फैसला किया है, विशेषकर दलितों से संबंधित जो बसपा, उसके गठबंधन सरकार की साथी हैं। लिहाजा अब यह हमारे लिए है कि हम अपने प्रतिनिधियों को समझदारी से चुनें।
(अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विद अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के 100 से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं।
उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सफल डेली शो कर चुके हैं। अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ईटीएच से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (एमबीए) भी किया है।)