उद्धव ठाकरे को पवार ने दिया कुर्सी बचाने का मूलमंत्र

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपनी कुर्सी बचाने को लेकर परेशान हैं। क्योंकि अभी तक राज्यपाल भगत सिंह कोहसारी ने विधान परिषद के सदस्य के रूप में उद्धव ठाकरे को नामित करने की राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश पर फैसला नहीं किया है। ठाकरे अभी तक किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं और कुर्सी बचाने के लिए उन्हें छह महीने भीतर किसी सदन का सदस्य होना जरूरी है।

Uddhav Pawar given the mantra to save the chair

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए पीएम मोदी से फोन पर बात की। ताकि विधान परिषद की सदस्यता का संकट दूर हो सके। लेकिन इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने ठाकरे को सीएम की कुर्सी बचाने के लिए मूलमंत्र दिया है। शरद पवार ने पीएम मोदी के चक्कर काटने के बजाय चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाने की सलाह दी है।

Uddhav Pawar given the mantra to save the chair

 महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपनी कुर्सी बचाने को लेकर परेशान हैं। क्योंकि अभी तक राज्यपाल भगत सिंह कोहसारी ने विधान परिषद के सदस्य के रूप में उद्धव ठाकरे को नामित करने की राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश पर फैसला नहीं किया है। ठाकरे अभी तक किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं और कुर्सी बचाने के लिए उन्हें छह महीने भीतर किसी सदन का सदस्य होना जरूरी है। पिछले दिनों ही राज्य के मंत्रियों के एक समूह ने राज्यपाल से मुलाकात कर ठाकरे की सदस्यता को लेकर फैसला लेने की मांग राज्यपाल से की थी।

इसी महीने राज्य कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित कर उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य नियुक्त करने का एक प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा था। लेकिन अभी तक उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया है।  जिसको लेकर राज्य सरकार परेशान है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी को फोन किया था। हालांकि राज्य में इस बात की भी चर्चा है कि अगर कोशियारी राज्य सरकार के प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं करते हैं तो आदित्य ठाकरे को अंतरिम मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

हालांकि इसी बीच राकांपा प्रमुख शरद पवार की भी उद्धव से मुलाकात हुई है उन्होंने सदस्यता को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाने की सलाह दी है। पवार ने कहा कि वह नौ परिषद सीटों पर चुनाव कराने की अधिसूचना जारी करने के लिए वह आयोग से अनुरोध करे। चुनाव आयोग ने खाली इन सीटों के के लिए लॉकडाउन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग कोई फैसला नहीं लेता है तो सुप्रीम कोर्ट के पास जाएं। 

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