केरल ने प्रवासियों को वापस लाने के लिए योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके लिए योजना सीएम पिनाराई विजयन की देखरेख में तैयार की जा रही है। माना जा रहा है कि 4 मई के बाद प्रवासी भारतीयों को भारत में लाने की शुरूआत हो सकती है। अब तक 150 देशों में रह रहे लगभग 3,20,463 प्रवासी केरलवासियों ने राज्य में लौटने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण किया है।
नई दिल्ली। कोरोना संकट के दौरान विश्व के 150 देशों में रह रहे 3.2 लाख केरलवासियों ने देश वापसी की इच्छा जताई है। इसके लिए इन लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। केरल सरकार इन प्रवासियों को लाने के लिए योजना बना रही है और माना जा रहा है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को भारत में वापस लाया जाएगा।
केरल ने प्रवासियों को वापस लाने के लिए योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके लिए योजना सीएम पिनाराई विजयन की देखरेख में तैयार की जा रही है। माना जा रहा है कि 4 मई के बाद प्रवासी भारतीयों को भारत में लाने की शुरूआत हो सकती है। अब तक 150 देशों में रह रहे लगभग 3,20,463 प्रवासी केरलवासियों ने राज्य में लौटने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण किया है। केरल सरकार ने प्रवासियों को वापस लाने और केंद्र और अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। ये समिति अपनी योजना को अंतिम रूप दे रही है। इसी बावत मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने तैयारियों की समीक्षा की।
जानकारी के मुताबिक अब तक लगभग 3,20,463 ने राज्य में लौटने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण किया है। इसमें से 150 देशों से 2,23,624 व्यक्ति जॉब वीजा, 57,436 पर्यटक और 20,219 अन्य वीजा पर गए हैं। वहीं विदेशी विश्वविद्यालयों में लगभग 7,276 छात्र पढ़ रहे हैं और वह कोरोना लॉकडाउन खत्म होने के बाद देश में वापसी करना चाहते हैं और इसके लिए इन्होंने पंजीकरण कराया है। राज्य के सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि राज्य में विदेशों से लौटने वाले के लिए चिकित्सा और चिकित्सा देखभाल के लिए राज्य सरकार ने सभी तैयारियां की हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में लौटने वालों को मेडिकल स्क्रीनिंग से गुजरना पड़ेगा और इसके लिए यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए हवाई अड्डों पर मेडिकल टीम को तैनात किया जाएगा। उन्हें क्वारंटिन के नियमों का पालन करना होगा और वह घर या सरकारी क्वारंटिन सेंटर पर रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि अनिवासी भारतीय होटल, होमस्टे और हाउसबोट में भुगतान कर रह सकते हैं।