आधार नंबर को लेकर यूआईडीएआई ने क्या दी सलाह...

By PTI News  |  First Published Aug 1, 2018, 9:21 AM IST

टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी के प्रमुख ने अपना आधार नंबर जारी करते हुए जानकारी लीक करने की चुनौती दी थी पर अब लोगों से ऐसा कदम उठाने से बचने को कहा गया है। 

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने लोगों को सलाह दी है कि वे 12 अंकों की अपनी सूचना इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सार्वजनिक न करें। इसे  हैक करने को लेकर किसी को चुनौती देने की कोशिश न करें। टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी के प्रमुख आरएस शर्मा ने हाल में अपना आधार नंबर जारी करते हुए हैकरों को जानकारी लीक करने की चुनौती दी थी पर अब लोगों से ऐसा कदम उठाने से बचने को कहा जा रहा है।

प्राधिकरण ने एक बयान में कहा, 'इस तरह का कार्य अनुचित है। इससे बचा जाना चाहिए क्योंकि यह कानून के अनुरूप नहीं है।' 12 अंकों का आधार नंबर किसी व्यक्ति की संवेदनशील सूचना है। इसमें किसी का बैंक खाता नंबर, पासपोर्ट नंबर, पैन नंबर आदि की जानकारी जुड़ी होती है। इन चीजों की जानकारी अपनी पहचान जाहिर करने, वैध लेनदेन या फिर जरूरत पड़ने पर ही दी जानी चाहिए। 

दरअसल, टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी के प्रमुख शर्मा ने शनिवार को अपना आधार नंबर शेयर कर हैकरों को चुनौती दी थी। उन्होंने आधार की सुरक्षा का पुख्ता दावा करते हुए 12 अंकों का आधार नंबर जारी कर दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर आधार की सुरक्षा से जुड़ा कोई खतरा है, तो कोई मेरे आंकड़े लीक करके दिखाए। कुछ समय बाद कुछ हैकरों की ओर से उनकी जानकारी सार्वजनिक किए जाने का दावा किया गया था। हालांकि शर्मा ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह गलत है। 

दूसरे लोग इस तरह की चुनौती न दें, इसके लिए यूआईडीएआई ने कहा है कि इंटरनेट और सोशल मीडिया पर इस तरह का कदम उठाने से बचना चाहिए। प्राधिकरण ने आगाह किया कि दूसरे के आधार नंबर से आधार सत्यापन करने की कोशिश या किसी दूसरे के आधार का इस्तेमाल आधार अधिनियम और आईपीसी के अनुसार दंडनीय अपराध है। यदि कोई ऐसा करता है या दूसरों को इसके लिए उकसाता करता है तो उसे कानून के तहत सजा हो सकती है। यूआईडीएआई ने कहा कि आधार एक अद्वितीय पहचान है, जिसका इस्तेमाल तमाम सरकारी सेवाओं, लाभ और छूट के लिए पहचान के तौर पर किया जा सकता है। 

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