'पढ़े-लिखे नेता को देना वोट' कहने पर गई नौकरी, जानें Unacademy के इस टीचर की कंट्रोवर्सी

By Anshika TiwariFirst Published Aug 18, 2023, 3:00 PM IST
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सोशल मीडिया पर ऑनलाइन एजुकेशनल प्लेटफॉर्म Unacademy के टीचर करण सांगवान की चर्चा है। करण ने क्लास के दौरान छात्रों को पढ़े-लिखे उम्मीदवारों को वोट देने की अपील की थी। वहीं अब करण को नौकरी से निकाल दिया या है। जिसके बाद अब बवाल खड़ा हो गया है। दूसरी तरफ इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है।

वायरल डेस्क। इस वक्त सोशल मीडिया पर ऑनलाइन एजुकेशनल प्लेटफॉर्म Unacademy के टीचर करण सांगवान की चर्चा है। करण ने क्लास के दौरान छात्रों को पढ़े-लिखे उम्मीदवारों को वोट देने की अपील की थी। वीडियो वायरल होने पर एनएकेडमी ने करण को हटा दिया है। जिसके बाद अब बवाल खड़ा हो गया है। दूसरी तरफ इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। वहीं एनएकेडमी का कहना है करण ने नियमों का उल्लंघन किया है। 

क्या है मामला ?

हाल ही में केंद्र सरकार ने अंग्रेजों के दौर में बनी आईपीसी और सीआरपीसी को बदलने के नए बिल पेश किए हैं। इन बिल को रिव्यू के लिए संसदीय समिति के पास भेजा गया है। करण सांगवान एनअकेडमी में लॉ टीचर हैं। वे बच्चों को बिल के बारे में पढ़ा रहे थे। क्लास के दौरान उन्होंने स्टूडेंट्स से पढ़े-लिखे प्रत्याशियों को वोट देने को कहा। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं कहा जा रहा है वीडियो वायरल होने के बाद करण को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। आप भी देखिए वायरल वीडियो-

What is wrong in this video that employer came under pressure from external forces and terminated the employment. pic.twitter.com/icEF2aNF55

— Karan Sangwan (@ObserveBNifty)

 

Unacademy ने दी सफाई

वीडियो वायरल होने के बाद Unacademy ने करण सांगवान को नौकरी से निकाल दिया है। उनके टर्मिनेशन को वायरल वीडियो से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं इस बारे में अनएकेडमी ने सफाई दी है। कहा कि हम एक एजुकेशन प्लेटफॉर्म है, जिसका काम क्वालिटी एजुकेशन मुहैया कराना है। इसे लेकर हमारे टीचर्स के लिए सख्त कोड ऑफ कंडक्ट लागू है। कहा कि हम जो भी करते हैं उसके केंद्र में स्टूडेंट्स होते हैं। क्लास पर्सनल ओपनियन,और विचार साझा करने की जगह नहीं है। करण सांगवान को इसलिए हटाया गया है क्योंकि उन्होंने कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन किया है। 

We are an education platform that is deeply committed to imparting quality education. To do this we have in place a strict Code of Conduct for all our educators with the intention of ensuring that our learners have access to unbiased knowledge.

Our learners are at the centre of…

— Unacademy (@unacademy)

 

मामले पर करण सांगवान ने भी दी प्रतिक्रिया

करण सांगवान ने इस मसले पर अभी तक ज्यादा कुछ नहीं कहा है हालांकि उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल शुरू कर लिया है। उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि इस मामले में वह 19 अगस्त को बात करेंगे। 

 

As you all know I have been fired from Unacademy for just doing my job. I didn't breach any code of conduct as mentioned by Unacademy but still I did pay a price for speaking the truth to power.

I will not back down, Jai Hind 🇮🇳 pic.twitter.com/YNOzs2CrwE

— Karan Sangwan ❁ (@ZackRhea)

 

इस मामले में सियासत शुरू 

करण सांगवान को नौकरी से हटाए जाने के बाद इस पर राजनीति शुरू हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि- क्या पढ़े-लिखे को वोट देने की अपील करना अपराध है। यदि कोई अनपढ़ है, व्यक्तिगत तौर पर मैं उसका सम्मान करता हूँ। लेकिन जनप्रतिनिधि अनपढ़ नहीं हो सकते। ये साइंस और टेक्नोलॉजी का ज़माना है। 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण अनपढ़ जनप्रतिनिधि कभी नहीं कर सकते।

क्या पढ़े लिखे लोगों को वोट देने की अपील करना अपराध है? यदि कोई अनपढ़ है, व्यक्तिगत तौर पर मैं उसका सम्मान करता हूँ। लेकिन जनप्रतिनिधि अनपढ़ नहीं हो सकते। ये साइंस और टेक्नोलॉजी का ज़माना है। 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण अनपढ़ जनप्रतिनिधि कभी नहीं कर सकते।

https://t.co/YPX4OCoRoZ

— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal)

 

उधर दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रयिा श्रीनेत भी इस मसले पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग दबाव या धमकाने पर झुक जाते हैं वो कभी उन लोगों का भला नहीं कर सकते, जो इस दुनिया में बाधाओं के खिलाफ खड़े हुए हैं। ऐसे रीढ़हीन और कमजोर लोगों को एजुकेशन प्लेटफॉर्म चलते हुए देखकर दुख होता है। 


 

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