राज्य में पिछले साल कांग्रेस की सरकार बनी थी। तभी राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में संघ की शाखों और कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसको लेकर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई थी। यही नहीं राज्य में कमलनाथ सरकार ने आते ही मीसा बंदियों को दी जाने वाली सम्मान निधि को भी बंद कर दिया था।
भोपाल। राज्य में एक सरकारी कॉलेज में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक लेकर फिर से राजनीति गर्मा गई है। फिलहाल राज्य सरकार ने इस मामले में कॉलेज प्रबंधन से जवाब मांगा है। वहीं भाजपा ने इस मामले पर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। असल में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही सरकारी स्कूलों में संघ की शाखाओं के लगने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
राज्य में पिछले साल कांग्रेस की सरकार बनी थी। तभी राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में संघ की शाखों और कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसको लेकर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई थी। यही नहीं राज्य में कमलनाथ सरकार ने आते ही मीसा बंदियों को दी जाने वाली सम्मान निधि को भी बंद कर दिया था। लेकिन एक बार फिर राज्य में सरकारी कॉलेज में संघ के कार्यक्रम को लेकर सियासत गर्मा गई है।
असल में मध्य प्रदेश के जबलपुर में वेटनरी कॉलेज में 24-25 दिसंबर संघ की एक बैठक हुई। ये बैठक दो दिनों तक चली। लिहाजा कुछ स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने इसकी शिकायत राज्य सरकार की थी। जिसको लेकर अब राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में राज्य सरकार के मंत्री लाखन सिंह का कहना है कि उन्होंने इसकी जांच के आदेश दिए हैं और जांच कमेठी बना दी गई है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
वहीं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लुनावत का कहना है कि संघ एक सामाजिक संस्था है और उसके कार्यक्रमों में किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। हालांकि पिछले साल चुनाव के दौरान कांग्रेस ने कहा था कि राज्य में सरकार बनने के बाद वह सरकारी संस्थाओं में आरएसएस की शाखा नहीं लगने देगी। हालांकि माना जा रहा कि ये मामला राज्य में तूल पकड़ सकता है। क्योंकि संघ कई कार्यक्रमों को सरकारी स्कूलों में करता है। ये भी हो सकता है कि कमलनाथ सरकार स्कूलों में संघ के कार्यक्रमों पर रोक लगा दे।