फिलहाल कल शाम को हुए इस हादसे के बाद कई ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं जो किसी साजिश की तरफ इशारा कर रहे हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि वह हादसा और साजिश दोनों पहलूओं पर जांच कर रही है। वहीं अभी तक किसी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी है, लेकिन ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उन्नाव रेप कांड की पीड़िता की हालत अभी गंभीर बनी हुई है और वह जीवन और मौत के बीच जूझ रही है। फिलहाल कल शाम को हुए इस हादसे के बाद कई ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं जो किसी साजिश की तरफ इशारा कर रहे हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि वह हादसा और साजिश दोनों पहलूओं पर जांच कर रही है।
वहीं अभी तक किसी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी है, लेकिन ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। फिलहाल अब ये मामला राजनैतिक तौर पर तूल पकड़ने जा रहा है क्योंकि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसकी सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
उन्नाव रेप पीड़िता अपनी चाची,मौसी और वकील के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी। लेकिन रायबरेली के गुरुबक्शगंज थाना क्षेत्र की अटौरा चौकी के अंतर्गत सुल्तानपुरखेड़ा मोड़ के पास कार और सामने से आए ट्रक में भिड़त हो गयी और इसमें चाची और मौसी की मौके पर ही मौत हो गयी जबकि रेप पीड़िता और वकील गंभीर रूप से घायल हो गए। हालांकि दोनों की स्थिति अभी नाजुक बनी हुई है और अस्पताल में दोनों जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।
साजिश या हादसा
असल में इस मामले साजिश ऐसे भी लग रही है क्योंकि पीड़िता को पुलिस की तरफ से सुरक्षा मिली हुई है और वह कल बगैर सुरक्षा के ही रायबरेली के लिए निकली। वहीं दूसरी तरफ जो ट्रक पकड़ा गया है उसमें कोई नंबर मौजूद नहीं था और उसमें केवल यूपी 71 लिखा हुआ था और बाकी का नंबर काले रंग से छिपाया गया था।
हालांकि पुलिस अभी ड्राइवर से पूछताछ कर रही है और किसी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि दोनों ही वाहनों करी फोरेंसिक जांच होगी और उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि उन्नाव से भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगा हुआ है और वह जेल में बंद हैं। इस पीड़िता का कल शाम को एक्सीडेंट हुआ है। लिहाजा अब विपक्षी दल इसके लिए सीबीआई की जांच कराने की मांग कर रहे हैं।
क्योंकि इसमें सीधे तौर से भाजपा के प्रभावशाली विधायक शामिल हैं। जब रेप का मामला सामने आया तो इस मामले को दबाने के लिए कई लोगों पर साजिश का आरोप लगा था और इसके कारण योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर भी आए थे।