वाह रे यूपी पुलिस: पीएम नरेन्द्र मोदी का प्रस्तावक भी योगी राज में दर-दर भटक रहा है शिकायत दर्ज कराने को

By Team MyNation  |  First Published Jun 29, 2019, 11:03 AM IST

लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक रहे रमाशंकर पटेल आजकल अपनी शिकायत लेकर वाराणसी के पुलिस और उनके अफसरों के चक्कर काट रहे हैं। दरअसल, वाराणसी के राजातालाब क्षेत्र के दीपापुर गांव के रहने वाले डॉ रमाशंकर पटेल रिटायर्ड कृषि वैज्ञानिक हैं और लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन में प्रस्तावक भी बने थे।

उत्तर प्रदेश पुलिस के कारनामों से प्रदेश ही देश की जनता भी वाकिफ है। लेकिन ये मामला जब और भी गंभीर हो जाता है कि जब देश के प्रधानमंत्री और वाराणसी से भारतीय जनता के सांसद के प्रस्तावक की भी पुलिस न सुने और बदसलूकी कर थाने से भगा दे। फिलहाल ऐसा ही मामला यूपी के वाराणसी में देखने को मिला है। अब डा. पटेल पीएमओ में इसकी शिकायत दर्ज कराने की योजना बना रहे हैं।

लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक रहे रमाशंकर पटेल आजकल अपनी शिकायत लेकर वाराणसी के पुलिस और उनके अफसरों के चक्कर काट रहे हैं। दरअसल, वाराणसी के राजातालाब क्षेत्र के दीपापुर गांव के रहने वाले डॉ रमाशंकर पटेल रिटायर्ड कृषि वैज्ञानिक हैं और लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन में प्रस्तावक भी बने थे।

असल में पटेल ने 2016 में अपने गांव के एक व्यक्ति से जमीन खरीद थी। उस दौरान वह असम में कार्यरत थे। इस जमीन की देख का जिम्मा उन्होंने उस व्यक्ति को दिया था उन्होंने वहां पर एक समर्सिबल पंप भी लगाया था। इसी बीच उस व्यक्ति की मौत हो गयी और उसकी बेटी वहां पर रहने लगी। जब उन्होंने उस लड़की से जमीन खाली करने को कहा तो उनसे पुलिस बुला ली और पुलिस वालों ने डा. पटेल को वहां से भगा दिया।

इसके बाद डा. पटेल राजातालाब पुलिस चौकी में अपनी फरियाद लेकर पहुंचे। लेकिन चौकी प्रभारी श्रीकांत पांडे ने न सिर्फ बदतमीजी की बल्कि उनको थाने से भागा दिया। इसके बाद डा. पटेल डीएम और एसएसपी से मिले और उन्हें प्रार्थना पत्र दिया और इस पूरे प्रकरण को बताया। दोनों अफसरों ने इसके लिए स्थानीय पुलिस से जांच करने को कहा और फिर उन्हें चौकी प्रभारी के पास भेज दिया।

28 जून को पुलिस चौकी के इंचार्ज श्रीकांत पांडे ने रमाशंकर पटेल को बुलाया चौकी इंचार्ज ने न केवल डॉ रमाशंकर पटेल और उनके साथियों के साथ बदतमीजी की बल्कि थाने से भी भाग जाने को कहा। फिलहाल इस मामले को इस बात से समझा जा सकता है कि जब पीएम मोदी के प्रस्तावक के साथ पुलिस का इस तरह का व्यवहार है तो आम आदमी से किस तरह का व्यवहार पुलिस करती होगी।

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