UP News: "मधुमेह की जो यह दवा...उसे भगवान...करेंगे" चौंकाने वाला है CM YOGI का वीडियों, सच्चाई कुछ और

By Surya Prakash Tripathi  |  First Published Mar 11, 2024, 10:22 AM IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डीपफेक वीडियो वायरल हो गया है। 41 सेकेंड का यह वीडियो एक न्यूज चैनल के क्लिप से काटा गया है। इसकी जानकारी होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डीपफेक तकनीकी के तब नए शिकार बन गए, जब मधुमेह (शुगर) की एक कथित दवा का प्रचार करने का उनका एक फर्जी वीडियो वायरल हो गया। 41 सेकेंड का यह वीडियो एक न्यूज चैनल के क्लिप से काटा गया है। इसकी जानकारी होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

सोशल साइट पर 26 फरवरी को किया गया था अपलोड
26 फरवरी को सोशल मीडिया अकाउंट 'ग्रेस गार्सिया' द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो को फेसबुक पर 225K व्यूज और 120 शेयर मिले। वीडियो में थंबनेल थे, जिसमें कहा गया था, "भारत में मधुमेह पर विजय प्राप्त की गई है। मधुमेह को अलविदा कहें "

साइबर क्राइम इंस्पेक्टर ने दर्ज कराई एफआईआर
इसी सिलसिले में लखनऊ के साइबर थाने में 2 एफआईआर दर्ज की गई है। फेसबुक प्रोफाइल 'ग्रेस गार्सिया' के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 511 और आईटी अधिनियम, 2008 की धारा 66 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर इंस्पेक्टर मोहम्मद मुस्लिम खान की शिकायत पर लिखी गई है। मोहम्मद मुस्लिम खान साइबर अपराध में डीजीपी कार्यालय, साइबर पुलिस स्टेशन, हजरतगंज में तैनात हैं। उनकी तरफ से दी गई तहरीर में  कहा कि उसे फेसबुक प्रोफाइल मिली। जहां सीएम योगी का एक वीडियो अपलोड किया गया था।

AI टूल्स से तैयार किया गया वीडियो
वीडियो में AI टूल्स का उपयोग करते हुए, वेबसाइट के माध्यम से मधुमेह की दवा खरीदने को बढ़ावा देने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के वीडियो और आवाज के विवरण को बदल दिया गया है। 
इंस्पेक्टर ने पोस्ट किए गए वीडियो का लिंक भी साझा करते हुए दावा किया, कि "वीडियो में यह भी देखा गया है कि सीएम कह रहे हैं कि इसे भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है और जो भी वेबसाइट पर जाकर दवा खरीदेगा, उसे भगवान सम्मानित करेंगे।" फेसबुक एकाउंट का स्क्रीनशॉट भी सबमिट किया गया है।

पुलिस ने कहा, गलत प्रचार करके सीएम को बदनाम करने की साजिश
के मुताबिक, यूपी के सीएम को बदनाम कर डायबिटीज की दवा के बारे में आपत्तिजनक प्रचार किया जा रहा था। इसलिए एफआईआर लिखाई गई है। फिलहाल पुलिस ने फेसबुक हेडक्वार्टर से वायरल वीडियो से संबंधित पूरी जानकारी मांगी है। पुलिस साइबर क्राइम की दो टीमें इस मामले की जांच में जुटी हुई है। फेसबुक से भी वीडियो पोस्ट करने वाले दोनों अकाउंट के बारे में जानकारी मांगी गई है।

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