Uttarakhand Tunnel Collapse News: सुरंग में फंसे मजदूरों के नजदीक बचाव टीम, दोपहर बाद आ सकती है खुशखबरी

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Nov 23, 2023, 11:03 AM IST

Uttarakhand Tunnel Collapse News: उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों के करीब बचाव टीम पहुंच चुकी है। दोपहर बाद खुशखबरी आ सकती है। उम्मीद है कि टनल में फंसे 41 मजदूर देवउठनी एकादशी के दिन सूरज देख सकेंगे।

Uttarakhand Tunnel Collapse News: उत्तरकाशी के सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों के बचाव के लिए चलाया जा रहा रेस्क्यू आपरेशन सफलता के करीब पहुंच चुका है। देश-विदेश से आई मशीनों के जरिए बचाव दल टनल में फंसे मजदूरों के करीब पहुंच चुका है। इस बचाव कार्य पर उत्तराखंड के सीएम धामी से लेकर पीएम मोदी तक नजर रखे हुए हैं।

टनल में 12 नवम्बर से फंसे हैं 41 मजदूर

उत्तरकाशी जिले के सिल्कयारा में निर्माणाधीन सुरंग में 12 नवम्बर से 41 मजदूर फंसे हैं। उन्हें बचाने के लिए चलाया जा रहा रेस्क्यू आपरेशन फाइनल स्टेज में है। देर रात उम्मीद जताई जा रही थी कि गुरुवार सुबह तक मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। पर खुदाई के दौरान लोहे का मलबा सामने आ गया। इसकी वजह से ऑगर मशीन रोकनी पड़ी।

खुदाई में लोहे का मलबा आने से रूका काम

रेस्क्यू आपरेशन में लगी मशीनों के मालिक शैलेश गुलाटी ने बताया कि मजदूरों को निकालने के लिए बनाया जा रहा रास्ता बस पूरा होने वाला है। सिर्फ 5-6 मीटर खुदाई बची थी, पर लोहे का मलबा सामने आ गया। इस वजह से खुदाई रोकनी पड़ी। आयरन मलबे की वजह से मशीन के दो पाइप मुड़ गए। दिल्ली से एक्सपर्ट्स की टीम आने के बाद काम आगे बढ़ाया जाएगा। दोपहर बाद तक रेस्क्यू आपरेशन पूरा हो सकता है।

इस वजह से रेस्क्यू आपरेशन में हुई देरी

गुलाटी का कहना है कि मजदूरों के लिए छह इंच चौड़ा फूड पाइप डाला गया था। मजदूरों को निकालने के लिए 800 mm की पाइप डाली जा रही थी। उस दौरान लोहे का मलबा मिलने की वजह से काम रोका गया है। यदि सब सही रहता तो अब तक रेस्क्यू आपरेशन पूरा हो जाता। उनका कहना है कि खुदाई कब तक पूरी हो जाएगी। अभी यह कह पाना मुश्किल है। दिल्ली की एक्सपर्ट टीम की सलाह के बाद आगे बढ़ने के बारे में तय किया जाएगा।

मजदूरों तक पहुंचाया जा रहा पूरा खाना

गुलाटी ने बताया कि सुरंग में फंसे मजदूरों से खाने के पाइप के जरिए बात हो रही है। उसी पाइप के जरिट कैमरा भी अंदर डाला गया था और अंदर की स्थिति देखी गई। उनका कहना है कि मजदूरों की स्थिति ठीक है। पर, मानसिक स्थिति कमजोर हो रही है। पहले फूड के रूप में ड्राई फ्रूट दिया जा रहा था। अब पूरा खाना अंदर डाला जा रहा है।

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