माना जा रहा है कि राजस्थान में आने वाले दिनों में भाजपा भी कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल सकती है। हालांकि अभी तक राज्य के सियासी घटनाक्रम में वसुंधरा खामोश थी और उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि खामोशी कई बार बोलने से ज्यादा कारगर होती है।
नई दिल्ली। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने दिल्ली में डेरा डाला हुआ है और वह पार्टी के बड़े नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक कर रही हैं। जबकि राजस्थान में सियासी संकट छाया हुआ है और वसुंधरा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद राजनाथ से मिलने पहुंची। जिसके बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गई हैं। वसुंधरा राजे दिल्ली में पार्टी के संगठन महामंत्री बी एल संतोष से भी मिल चुकी हैं।
जानकारी के मुताबिक वसुंधरा राजे ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी और राज्य के हालात पर चर्चा की थी। माना जा रहा है कि राजस्थान में आने वाले दिनों में भाजपा भी कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल सकती है। हालांकि अभी तक राज्य के सियासी घटनाक्रम में वसुंधरा खामोश थी और उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि खामोशी कई बार बोलने से ज्यादा कारगर होती है। वहीं कहा जा रहा है कि वसुंधरा के केन्द्रीय नेतृत्व से मिलने के बाद राजस्थान का राजनीतिक तापमान एक बार फिर बढ़ गया है। क्योंकि राज्य में आगामी 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू होना है और इस सत्र में राज्य के सीएम अशोक गहलोत बहुमत साबित कर सकते हैं।
वहीं राज्य के कांग्रेस के बागी विधायकों ने भी साफ कर दिया है कि वह सत्र में हिस्सा लेंगे। असल में राज्य में ये भी कहा जा रहा था कि वसुंधरा गहलोत को लेकर काफी साफ्ट हैं। वहीं वह राज्य के सियासी घटनाक्रम में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रही हैं क्योंकि भाजपा फिर से राज्य की कमान वसुंधरा राजे को नहीं देना चाहती है। लिहाजा आने वाले समय में ये भी हो सकता है कि भाजपा राज्य में वसुंधरा पर फिर से विश्वास जताए।
वसुंधरा गुट के विधायकों को भेजा गुजरात
भाजपा ने राजस्थान में वसुंधरा गुट के 12 विधायकों को गुजरात भेज दिया है। क्योंकि वसुंधरा राजे ने पार्टी से साफ कह दिया था कि वह स्वाभिमान से समझौता नहीं करेंगी। वहीं गहलोत गुट भाजपा के कुछ विधायकों को साधने में लगा हुआ था और स्थानीय स्तर पर दबाव बना रहा था। वहीं कहा जा रहा है कि राज्य में 11 अगस्त को हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य की सियासत बदल सकती है।