विवेक डोभाल मानहानि केसः कारवां के संपादक और रिपोर्टर जमानत पर, जयराम रमेश को कोर्ट में पेश होना होगा

By Siddhartha Rai  |  First Published Apr 25, 2019, 12:47 PM IST

कोर्ट ने कारवां पत्रिका के संपादक और पत्रकार को 20,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है। लेकिन कांग्रेस नेता को पेशी से छूट देने से इनकार कर दिया। इस मामले की अगली सुनवाई नौ मई को होगी। वहां रमेश को खुद अदालत में पेश होना होगा। 

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के परिवार को एक आर्टिकल में ‘डी कंपनी’ लिखने के मामले में कारवां पत्रिका के संपादक और रिपोर्टर बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं। उन्हें इस लेख को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली की एक अदालत से जमानत लेनी पड़ी है। 

कारवां ने 16 जनवरी को 'द डी कंपनीज' शीर्षक से प्रकाशित ऑनलाइन लेख में कहा था कि विवेक डोभाल 'केमन आइलैंड में हेज फंड' चलाते हैं, जो एक टैक्स हैवेन है। इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 2016 में नोटबंदी का ऐलान करने के महज 13 दिन बाद हुआ था। उनके बिजनेस हित बड़े भाई शौर्य डोभाल से भी जुड़े हुए हैं।

मुश्किलें सिर्फ पत्रिका की ही नहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश की भी बढ़ी हैं। इस लेख को लेकर रमेश ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर इन कथित गंभीर आरोपों को दोहराया था। उन्होंने कोर्ट में पेशी से छूट देने की अपील की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। 

विवेक डोभाल ने पटियाला हाउस कोर्ट में इन तीनों के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद 30 जनवरी को विवेक ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था।  

‘माय नेशन’ ने सबसे पहले यह खबर प्रकाशित की थी।

यहां देखेः राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के बेटे विवेक डोभाल ने जयराम रमेश और कारवां पत्रिका पर ठोका मानहानि का दावा

कोर्ट ने कारवां पत्रिका के संपादक और पत्रकार को 20,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है। लेकिन कांग्रेस नेता को पेशी से छूट देने से इनकार कर दिया। इस मामले की अगली सुनवाई नौ मई को होगी। वहां रमेश को खुद अदालत में पेश होना होगा। 

यहां देखेः विवेक डोभाल को माय नेशन को दिया एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

कोर्ट में इस मामले में विवेक डोभाल के अलावा उनके साझेदारों अमित शर्मा और निखिल कपूर ने बयान दर्ज कराए थे। विवेक डोभाल का कहना था कि ‘उन्होंने इसलिए यह केस इसलिए दर्ज कराया है क्योंकि उनके पिता से राजनीतिक दुश्मनी निकालने के लिए उन्हें  बदनाम करने की कोशिश की गई। ’

विवेक ने जयराम रमेश को भी चुनौती दी है कि वह नेशनल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर बहस करने के लिए तैयार हैं। वह कांग्रेस नेता के 'आरोप लगाकर भागने' की प्रवृत्ति का पर्दाफाश करना चाहते थे। इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब जनवरी 16 2019 को कारवां मैगजीन में एक आलेख छपा जिसका शीर्षक था ‘द डी कंपनीज।’ इस आर्टिकल को लेकर जयराम रमेश ने एक प्रेस कांफ्रेंस भी की।
 

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