यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश ने कहा, 'जनता के आक्रोश और हार के डर से भाजपा नेता और कार्यकर्ता गर्मी का बहाना कर चुनाव प्रचार से बच रहे हैं।' सीएम योगी तुरंत पलटवार करते हुए बोले, जनता 'खानदानी भ्रष्टाचारियों' को कुकर्मों की सजा देगी।
लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार के रफ्तार पकड़ने के साथ ही सियासी वार-पलटवार तेज हो गए हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को सियासी मुद्दों को लेकर ट्विटर पर भिड़ गए।
अखिलेश यादव ने भाजपा पर अपनी नाकामियों से भागने के लिए विपक्ष की ही बातें करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, शिक्षामित्रों, शिक्षा प्रेरकों और टीईटी धारकों को 'चौकीदार' नहीं बल्कि स्थायी रोजगार चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने भी तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि जनता 'खानदानी भ्रष्टाचारियों' को उनके कुकर्मों की सजा देगी।
अखिलेश ने ट्वीट किया 'विकास पूछा रहा है... भाजपा अपनी रैलियों में केवल विपक्ष की ही बातें क्यों कर रही है? क्या भाजपा के पांच साल के शासनकाल में उनकी अपनी कोई भी सकारात्मक उपलब्धि नहीं है?' उन्होंने कहा 'जनता के आक्रोश और हार के डर से भाजपा के नेता और कार्यकर्ता गर्मी का बहाना करके चुनाव प्रचार से बच रहे हैं।'
सपा प्रमुख ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों, बीपीएड एवं टीईटी डिग्रीधारकों, शिक्षा प्रेरकों, ग्राम रोजगार सेवकों, आंगनबाड़ी सहायिकाओं, आशा बहुओं, रसोइयों और अनुदेशकों को स्थायी रोजगार चाहिए, ना कि चौकीदार।
‘विकास’ पूछ रहा है... भाजपा अपनी रैलियों में केवल विपक्ष की ही बातें क्यों कर रही है? क्या भाजपा के पाँच साल के शासनकाल में उनकी अपनी कोई भी सकारात्मक उपलब्धि नहीं है?
जनता के आक्रोश और हार के डर से भाजपा के नेता और कार्यकर्ता गर्मी का बहाना करके चुनाव प्रचार से बच रहे हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा 'भ्रष्टाचारियों के कुकर्म सामने आ रहे हैं, इन्होंने जनता को लूटा है। माननीय न्यायालय इन खानदानी भ्रष्टाचारियों को उनके कुकर्मों की सजा देगी।' उन्होंने जनता का आह्वान करते हुए यह भी कहा 'इनसे सावधान रहिए, ये जेल जाने से बचने के लिए आपको जाति, धर्म के नाम पर बांटेंगे। चौकीदार के डर से सब चोर इकट्ठे हो गए हैं, लेकिन कब तक बचेंगे?'