सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को आधार नंबर का इस्तेमाल करने से रोक दिया है। लेकिन सवाल यह उठता है, कि करोड़ों की संख्या में जो आधार कार्ड अब तक टेलीकॉम कंपनियों ने इकट्ठा कर रखें हैं, उनका क्या होगा?
नई दिल्ली- टेलीकॉम कंपनियों के पास जमा करोड़ों की संख्या में आधार कार्ड को नष्ट किया जाएगा। इसके साथ ही मोबाइल नंबरों से आधार से अलग डीलिंक कर दिया जाएगा। इसके साथ ही मोबाइल कंपनियों को ग्राहकों की पहचान के लिए आधार नंबर बंद करके दूसरी व्यवस्था तैयार करने की योजना की जानकारी देनी होगी।
यह आदेश आधार नियामक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई ने टेलीकॉम कंपनियों को दिया है। इन कंपनियों को 15 दिनों के अंदर डीलिंक प्लान तैयार करके उसे यूआईडीएआई को सौंपने के लिए कहा गया है। इसके लिए सभी कंपनियों को सर्कुलर भी भेजा गया है।
नई दिल्ली. मोबाइल कंपनियों को ग्राहक वेरिफिकेशन के लिए आधार नंबर का इस्तेमाल बंद करने की योजना देनी होगी। आधार नियामक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सोमवार को टेलीकॉम कंपनियों से 15 दिन में डी-लिंकिंग का प्लान देने के लिए कहा। सभी कंपनियों को सर्कुलर भेज दिया गया है।
अभी तक टेलीकॉम कंपनियां आधार नंबर को लिंक करके बायोमीट्रिक प्रणाली से केवाईसी(नो योर कस्टमर) की प्रक्रिया पूरी कर रही थीं। लेकिन सर्वोच्च अदालत ने 26 सितंबर को नई सिम लेने और वेरिफिकेशन के लिए आधार की अनिवार्यता खत्म कर दी थी।
जिसके बाद यूआईडीएआई ने टेलीकॉम कंपनियों को यह आदेश जारी किया है।
प्राधिकरण का कहना है कि मोबाइल कंपनियों से डीलिंक की योजना की जानकारी मिलने के बाद जरूरत पड़ी तो और कदम उठाए जाएंगे।