प्रधानमंत्री उस समय कांग्रेस और भाजपा के शासनकाल में कितने घर गरीबों के लिए बने, इस बात की चर्चा कर रहे थे। मोदी ने तब तक बोलना शुरू नहीं किया जब तक कैमरामैन को एंबुलेंस से अस्पताल नहीं भेज दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के सूरत में हवाईअड्डे के नए टर्मिनल का उद्घाटन करने के बाद जनता को संबोधित कर रहे थे। लेकिन बोलते-बोलते एकाएक रुक गए। अपने अफसरों और सुरक्षा में तैनात एसपीजी के जवानों को एक ओर इशारा किया।
पीएम मोदी का इशारा एक बेहोश कैमरामैन की ओर था। मोदी जब बोल रहे थे उन्होंने देखा कि भाषण को कैमरे में कैद कर रहा एक कैमरामैन अचानक गश खा कर गिर गया। प्रधानमंत्री ने अपने मंच से जब यह देखा तो तुरंत अपने अधिकारियों को उस ओर भेजा।
प्रधानमंत्री उस समय कांग्रेस और भाजपा के शासनकाल में कितने घर गरीबों के लिए बने, इस बात की चर्चा कर रहे थे। मोदी ने तब तक बोलना शुरू नहीं किया जब तक कैमरामैन को एंबुलेंस से अस्पताल नहीं भेज दिया गया।
बेहोश हुए कैमरामैन का नाम किशन रमोलिया बताया गया है और उन्हें 108 एंबुलेंस के जरिये अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री बोलते-बोलते रुके हों। पिछले साल जब प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को पूर्वोत्तर के त्रिपुरा और नगालैंड में मिली जीत की बधाई दे रहे थे तब भी अजान के लिए पूरे चार मिनट रुके थे।
लेकिन 2013 में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमे दिखाया गया था कि जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब एक पुलिसवाले के बेहोश हो जाने के बाद भी अपने स्वतंत्रता दिवस समारोह के भाषण को जारी रखा था। बाद में सच्चाई निकलकर आई कि यह वीडियो फेक था।