मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई का कहना है कि, “ये आरोप न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर प्रहार है. इस षणयंत्र में सिर्फ एक महिला ही नहीं बल्कि कुछ बड़ी ताकतें भी शामिल हैं. मुझे अगले हफ्ते कुछ अहम मामलों में सुनवाई करनी है और यह आरोप इन मामलों में न्याय की प्रक्रिया को बाधित करने के लिए लगाए गए हैं.
यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि यह आरोप एक बहुत बड़ी साजिश का नतीजा है क्योंकि कोई ताकत उन्हें अगले हफ्ते कुछ अहम मामलों में सुनवाई करने से रोकना चाहती है. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि यह बड़ी ताकत न्यायपालिका पर इस बेबुनियाद आरोप के सहारे अपना बचाव करने की कोशिश कर रही है.
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई का कहना है कि, “ये आरोप न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर प्रहार है. इस षणयंत्र में सिर्फ एक महिला ही नहीं बल्कि कुछ बड़ी ताकतें भी शामिल हैं. मुझे अगले हफ्ते कुछ अहम मामलों में सुनवाई करनी है और यह आरोप इन मामलों में न्याय की प्रक्रिया को बाधित करने के लिए लगाए गए हैं. लेकिन इन आरोपों से बिना डरे मैं अपने कार्यकाल में अपने कर्तव्यों के रास्ते से नहीं हटने वाला.”
मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने यह बयान न्यायाधीश अरुण मिश्रा और न्यायाधीश संजीव खन्ना के साथ एक स्पेशल बेंच की अगुवाई करते हुए दिया. हालांकि मामले में आगे सुनवाई के लिए इस बेंच ने एक और स्पेशल बेंच गठित करने का फैसला लिया जिससे उत्पीड़न के मामले की निष्पक्ष जांच कराई जा सके. खासबात है कि इस नई बेंच में मुख्य न्यायाधीश शामिल नहीं है.
अगले हफ्ते मुख्य न्यायाधीश करेंगे ये 4 अहम सुनवाई
1. राहुल गांधी मानहानि मामला: राजनीति के लिए बेहद अहम यह मामला मुख्य न्यायाधीश की सुनवाई के लिए अगले हफ्ते आ रहा है. इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अपराधिक मानहानी का दावा किया गया है. यह मुकदमा बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने दर्ज कराया है. लेखी ने अपील की है कि राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी राहुल गांधी ने कई बार प्रधानमंत्री चोर है का बयान दिया है.
मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली बेंच ने राहुल गांधी को मामले में नोटिस जारी किया है और अब 22 अप्रैल को राहुल गांधी की सफाई मांगी है. मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने राहुल गांधी के खिलाफ कड़ा रुख एख्तियार किया है. गोगोई ने साफ कहा है कि राहुल गांधी ने अपने बयान में कोर्ट के फैसले को गलत ढंग से प्रस्तुत करने का काम किया है, लिहाजा, उम्मीद है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट राहुल गांधी को कड़ी फटकार लगा सकती है.
2. राजीव कुमार, कोलकाता पूर्व डीजीपी मामला: अगले हफ्ते मुख्य न्यायाधीश सैकड़ों करोड़ के शारदा चिटफंड घोटाले में सुनवाई करेंगे. इस मामले में कोर्ट की सुनवाई पूर्व कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की भूमिका पर होगी. गौरतलब है कि राजीव कुमार पर चिटफंड घोटाले मामले में राज्य सरकार के साथ सांठगांठ कर जांच को प्रभावित करने का आरोप है.
वहीं राजीव कुमार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बेहद खास माना जाता है. इसके चलते हाल ही में राजीव कुमार अपने खिलाफ सीबीआई की जांच को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ममता के साथ धरना पर बैठ गए थे. वहीं सीबीआई ने दावा किया है कि उसके पास राजीव कुमार के खिलाफ पर्याप्त सुबूत हैं कि वह शारदा घोटाले में जांच को गलत दिशा देने और प्रभावित करने में लिप्त हैं.
3. नैशनल रजिस्ट्री ऑफ सिटिजन्स (NRC) मामला: देश की सर्वोच्च अदालत 23 अप्रैल को एनआरसी मामले में दाखिल एक पीआईएल पर सुनवाई करेगी. यह पीआईएल हर्ष मंदर की तरफ से प्रशांत भूषण द्वारा दाखिल की गई है. यह पीआईएल घुसपैठिओं की स्थिति पर आधारित है.
4. प्रधानमंत्री की बायोपिक मामला: प्रधानमंत्री की बायोपिक मामले में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को फैसला करने है कि क्या चुनाव आयोग द्वारा फिल्म पर लगाया गया प्रतिबंध जायज है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने सुनवाई के लिए 22 अप्रैल को लाया जाएगा. गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा है कि इसे चुनाव के बाद रिलीज किया जाना चाहिए क्योंकि इस फिल्म से बीजेपी को चुनाव में फायदा पहुंच सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि वह खुद पूरी फिल्म देखे और अपनी रिपोर्ट पेश करे.