बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर एक बड़ा राजनैतिक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन का आगामी लोकसभा चुनाव में कोई असर नहीं है, और ये गठबंधन ऐसा बन रहा है ऐसा राह चलते लोग गठबंधन बनाते हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर एक बड़ा राजनैतिक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन का आगामी लोकसभा चुनाव में कोई असर नहीं है, और ये गठबंधन ऐसा बन रहा है ऐसा राह चलते लोग गठबंधन बनाते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी और भाजपा राज्य में फिर पिछले लोकसभा चुनाव से ज्यादा सीटें जीतेंगी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी ही देश के प्रधानमंत्री बनेंगे.नीतीश कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में जनता मालिक होती है, वही किसी को बनाती. बाकी जनता को तय करना है.
पटना में आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में सवालों के जबाव देते हुये कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के सामने कोई चुनौती नहीं है. लिहाजा देश के अगले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही होंगे. उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियां पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में ज्यादा सीटें जीतेगी. उन्होंने मीडिया के सवालों का खुलकर जवाब देते हुए कहा कि तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में भाजपा को .5 फीसदी ज्यादा वोट मिले हैं जबकि राजस्थान में तो .4 चार फीसदी कम वोट मिले हैं. लिहाजा इससे मतदाता के वोटिंग के समझा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि बिहार अपनी तरह का अलग राज्य है.
यहां के लोग विकास के काम पर ही वोट करते हैं. कुमार ने महागठबंधन पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि जिस तरह से रोड चलते लोगों को महागठबंधन में शामिल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जितना जातीय समीकरण बैठाया जाये, कुछ होनेवाला नहीं है. बिहार की जनता बहुत समझादार है. माछ-भात के आयोजन संबंधित सवाल पर सीएम ने कहा कि ये कोई पहली बार नहीं हो रहा है. ऐसे आयोजन होते रहे हैं, लेकिन उनका क्या फायदा होता है. ये सभी लोग बेहतर तरीके से जानते हैं. वोट विकास के मुद्दे पर ही पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हम लोग गन्ना उद्योग को सब्सिडी देने जा रहे हैं. क्योंकि उद्योग के सामने कई समस्या हैं और इसका निदान किया जाना जरूरी है.
बिहार में भाजपा और जनता दल (यू) लोक जनशक्ति पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रही है. कुमार ने कहा कि झारखंड और बिहार की संयुक्त सिंचाई परियोजना मंडल डैम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिलान्यास किया है और इससे दोनों राज्यों को फायदा मिलेगा.अगर तय समय में ये प्रोजेक्ट शुरू हो गया तो बिहार के गया और औरंगाबाद की 90 हजार हेक्टेयर जमीन को सिंचाई का लाभ मिलेगा. इस परियोजना में सालों भर किसानों को पानी मिलेगा.