इस कांस्टेबल को पिछले दस साल से आखिर क्यों डीजीपी साहब करते हैं सैल्यूट

By Team MyNation  |  First Published Aug 14, 2019, 9:56 PM IST

असल में स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों के लिए पुलिस लाइन में परेड की प्रैक्टिस चलती है। राजधानी के लाल परेड मैदान में फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान नजारा पूरी तरह स्वतंत्रता दिवस जैसा ही माहौल होता है। इसके लिए एक आदमी को डमी मुख्यमंत्री बनाया गया था, जिसे राज्य के तमाम पुलिस अफसर सैल्यूट करते हैं और इसमें राज्य के डीजीपी भी होते हैं। पिछले दस साल से ये डमी मुख्यमंत्री पुलिस महकमे के कांस्टेबल रामचंद्र कुशवाहा ही बन रहे हैं। जिसके कारण राज्य के तमाम डीजीपी उन्हें सैल्यूट करते हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश में एक कांस्टेबल को राज्य के डीजीपी स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले सैल्यूट करते हैं। राज्य में डीजीपी कोई भी हो, वह इस कांस्टेबल को सैल्यूट जरूर करता है। शायद आपने इस तरह से सीन हिंदी फिल्मों तो जरूर देखे होंगे जहां पर कोई बड़ा पुलिस का अफसर अपने जूनियर अफसर को सैल्यूट करता है। लेकिन मध्य प्रदेश में ये सीन कोई फिल्मी नहीं बल्कि रियल है।

असल में स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों के लिए पुलिस लाइन में परेड की प्रैक्टिस चलती है। राजधानी के लाल परेड मैदान में फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान नजारा पूरी तरह स्वतंत्रता दिवस जैसा ही माहौल होता है।

इसके लिए एक आदमी को डमी मुख्यमंत्री बनाया गया था, जिसे राज्य के तमाम पुलिस अफसर सैल्यूट करते हैं और इसमें राज्य के डीजीपी भी होते हैं। पिछले दस साल से ये डमी मुख्यमंत्री पुलिस महकमे के कांस्टेबल रामचंद्र कुशवाहा ही बन रहे हैं। जिसके कारण राज्य के तमाम डीजीपी उन्हें सैल्यूट करते हैं।

रामचंद्र कुशवाह भोपाल पुलिस में आरक्षक हैं। हालांकि आम दिनों की तरह वह आरक्षक की तरह अपनी ड्यूटी निभाते हैं। लेकिन स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वह सबके लिए खास हो जाते हैं। बड़े बड़े अफसर उन्हें सैल्यूट करते हैं और उनके सैल्यूट का जवाब देते हैं। इस मौके पर उनका जलवा किसी सीएम से कम नहीं होता है।

हालांकि ये जलवा महज पांच घंटे के लिए होता है और फिर वह वही आरक्षक बन जाते हैं और अफसरों को सैल्यूट करते हैं। रामचंद्र कुशवाहा ने इस बार भी रिहर्सल में सीएम की भूमिका निभाई और राज्य के डीजीपी ने उन्हें आज दसवीं बार सैल्यूट किया । इससे पहले राज्य के अलग अलग डीजीपी उन्हें सैल्यूट कर चुके हैं।

फिलहाल रामचंद्र भी इसे अपनी ड्यूटी का हिस्सा मानते हैं और कहते हैं ये सब उनके नौकरी का हिस्सा है। बस जिम्मेदारी दी गई तो निभा रहे हैं। रिहर्सल के दौरान वह मंच पर जाकर बतौर मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को संबोधित भी करते हैं।
 

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