...तो इसलिए चुनाव के बाद भी अमेठी और रायबरेली में सक्रिय हैं प्रियंका गांधी वाड्रा

सच्चाई तो ये भी है कि भले ही अमेठी और रायबरेली में राहुल गांधी और सोनिया गांधी चुनाव लड़ रहे हों, लेकिन प्रचार का जिम्मा तो प्रियंका ने भी संभाला था। ताकि प्रियंका गांधी इन सीटों पर बड़ा चेहरा होकर उभरे। चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका ने रायबरेली और अमेठी की जनता को ये अहसास जताया कि वह 14 साल की उम्र से कांग्रेस के इस गढ़ में आ रही हैं। लिहाजा उनका यहां से रिश्ता है।

Why priyanka Gandhi vadra has been active in amethi and raebareli after voting

कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा अमेठी और रायबरेली में लोकसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद भी सक्रिय हैं। कांग्रेस की रणनीति के तहत अमेठी और केरल के वायनाड से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अगर दोनों सीटों से चुनाव जीतते हैं तो प्रियंका गांधी अमेठी सीट से लोकसभा उपचुनाव लड़ेंगी। यही नहीं सोनिया गांधी का स्वास्थ्य भी खराब चल रहा है। ऐसे में अगर सोनिया संसदीय राजनीति से सन्यास लेती हैं तो यहां से अपनी संसदीय राजनीति की शुरूआत कर सकती हैं।

लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले रायबरेली और अमेठी में मतदान था। लेकिन यहां पर मतदान होने के बाद भी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सक्रिय थी। ताकि अगर राहुल गांधी केरल की वायनाड और अमेठी से चुनाव जीतते हैं तो वह अमेठी सीट को छोड़ेंगे। और ये तय है कि इस सीट पर उनकी बहन प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी। सच्चाई तो ये भी है कि भले ही अमेठी और रायबरेली में राहुल गांधी और सोनिया गांधी चुनाव लड़ रहे हों, लेकिन प्रचार का जिम्मा तो प्रियंका ने भी संभाला था।

ताकि प्रियंका गांधी इन सीटों पर बड़ा चेहरा होकर उभरे। चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका ने रायबरेली और अमेठी की जनता को ये अहसास जताया कि वह 14 साल की उम्र से कांग्रेस के इस गढ़ में आ रही हैं। लिहाजा उनका यहां से रिश्ता है। चुनाव के दौरान सोनिया गांधी ने तो प्रचार से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखी थी जबकि राहुल गांधी भी अमेठी और यूपी से बाहर प्रचार कर रहे थे।

पिछले हफ्ते ही रायबरेली के जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव के बाद वहां पर कांग्रेस और बीजेपी के जिला पंचायत के अध्यक्ष के बीच हुए विवाद के बाद प्रियंका सीधे रायबरेली पहुंची। ताकि स्थानीय सहानुभूति का लाभ लिया जा सके। ये बात इस ओर इशारा करती है कि प्रियंका ने संसदीय राजनीति में उतरने की तैयारी कर ली है। अगर लोकसभा चुनाव के प्रचार में देखें तो पूरे प्रदेश में प्रियंका ही सक्रिय रही। हालांकि कांग्रेस ने पहले ही इशारा कर दिया था कि उसका लक्ष्य 2022 के विधानसभा चुनाव हैं।

अगर कांग्रेस की रणनीति को देखें तो पार्टी ने जब फरवरी में सोनिया की राजनीति में इंट्री का ऐलान किया तो उन्हें सीधे तौर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी के साथ महासचिव नियुक्त किया। यही नहीं प्रियंका की इंट्री भी पार्टी  लखनऊ से की। हालांकि प्रियंका द्वारा लखनऊ में किए गए रोड शो में उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं दिखी लेकिन प्रियंका एक नेता के तौर पर स्थापित हो ही गयी।

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