आखिर किन परिस्थितियों में राहुल गांधी ने दिया इस्तीफा? अब क्या करेगी कांग्रेस? जानिए यहां

By Team MyNationFirst Published Jul 3, 2019, 7:10 PM IST
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आखिरकार इस्तीफा दे ही दिया। वह लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद से ही इस्तीफा देना चाह रहे थे। लेकिन बहुत विचार विमर्श के बाद राहुल ने आखिरकार आज अपना इस्तीफा सौंप ही दिया। उन्होंने इसके साथ एक खुला पत्र भी लिखा है। आईए आपको बताते हैं कि राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अब क्या करने वाली है कांग्रेस पार्टी?
 

नई दिल्ली: राहुल गांधी ने आज ऐलान कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी में फिलहाल कोई अध्यक्ष नहीं है। उन्होंने इस पद से इस्तीफा देते हुए ट्विटर पर चार पन्नों की चिट्ठी भी रिलीज की है। 

इस्तीफे के साथ जारी चिट्ठी में क्या लिखा राहुल गांधी ने

इस पत्र में राहुल गांधी ने लिखा है कि 'लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार की मैं जिम्मेदारी लेता हूं। हमारी पार्टी के विकास के लिए जवाबदेही महत्वपूर्ण है। इस कारण से मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आगे लिखा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहना मेरे लिए गर्व की बात है। कांग्रेस पार्टी की सेवा करना मेरे लिए गर्व का विषय है जिस पार्टी की नीतियां और सिद्धातों से देश का विकास हुआ है।  मैं देश और पार्टी से मिले प्यार के लिए आभारी हूं। 

राहुल गांधी ने इस्तीफे के साथ की चिट्ठी में आगे लिखा है कि  'कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर 2019 में मिली हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं।  हमारी पार्टी के भविष्य के लिए जवाबदेही जरूरी है।  यही कारण है कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। 2019 में मिली हार के लिए पार्टी को पुर्नसंगठित करने की जरूरत है।  पार्टी की हार के लिए सामूहिक तौर पर लोगों को कठिन निर्णय लेने होंगे। यह बेहद गलत होगा कि पार्टी की हार के लिए सबको जिम्मेदार ठहराया जाए, लेकिन पार्टी अध्यक्ष होने की वजह से मैं अपनी जिम्मेदारी से भागूं। 

बहुत से साथियों ने मुझे सुझाव दिया कि मैं ही कांग्रेस पार्टी के अगले अध्यक्ष का नाम चुनाव करूं। यह सही है कि किसी की तत्काल जरूरत है कि कोई हमारी पार्टी का नेतृत्व करे। मेरे लिए किसी एक का चयन करना गलत होगा।  हमारी पार्टी का इतिहास बहुत गौरवशाली रहा है।  इसलिए मुझे लगता है कि अब यह पार्टी ही तय करेगी कि कौन हमारा नेतृत्व हिम्मत, प्यार और जिम्मेदारी के साथ कर सकता है'। 

अब क्या करेगी कांग्रेस? 

कांग्रेस पार्टी में फिलहाल अध्यक्ष का पद खाली है। राहुल गांधी के इस्तीफे से पैदा हुए इस संकट के बाद पार्टी संविधान के मुताबिक अब कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई जाएगी। इस बैठक को बुलाने की जिम्मेदारी कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की है।  कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में ही अब पार्टी की आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। 
 इस बैठक में ही किसी नए अध्यक्ष या फिर अंतरिम अध्यक्ष के नाम पर फैसला लिया जाएगा। 

फिलहाल कौन संभाल सकता है कांग्रेस की कमान?

अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा को कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर चुना जा सकता है। सबसे वरिष्ठ सदस्य के तौर पर मोतीलाल वोरा ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अध्यक्षता कर सकते हैं। उनके उपर ही नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया संपन्न कराने की जिम्मेदारी होगी। 

अध्यक्ष पद के लिए इन नामों पर चल रही है चर्चा 

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे का नाम सबसे आगे चल रहा है। खबरों के मुताबिक इससे पहले पूर्व रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी, कांग्रेस महासचिव के.सी.वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसे नेताओं के नाम पर चर्चा हो चुकी है। लेकिन किसी के नाम पर अभी तक आखिरी सहमति नहीं बन पाई है। 
वेणुगोपाल और एंटनी ने पद संभालने से मना कर दिया था। गहलोत को अध्यक्ष पद सौंपने पर राजस्थान हाथ से निकलने का खतरा था। ऐसे में  शिंदे के नाम पर विचार चल रहा है। 
इसके अलावा पार्टी के पास सामूहिक नेतृत्व का भी विकल्प है। लेकिन यह सबसे आखिरी विकल्प होगा। 

राहुल गांधी को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने की हुई थी जबरदस्त कोशिश 

राहुल गांधी ने जब से कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ने का फैसला किया है, तब से उन्हें कांग्रेस नेता उन्हें मनाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने नतीजों के दिन ही यह मंशा जाहिर की थी कि वे अपने पद से इस्तीफा देना चाहते हैं और हार के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हैं।  इसके बाद से ही कांग्रेस के छोटे बड़े कई नेता उन्हें मनाने की कवायद में जुटे हुए थे। लेकिन राहुल गांधी अपने जिद पर अड़े रहे।  मंगलवार को तो कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय के सामने पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया।  लेकिन राहुल गांधी ने अपना फैसला नहीं बदला। 

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