शिवसेना और भाजपा ने सोमवार को ही घोषणा की है कि वे लोग लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे। इससे पहले भाजपा से गठबंधन को लेकर उन्हें सोशल मीडिया पर बनाया जा रहा था निशाना।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वह भाजपा के साथ हाथ मिलाने को इसलिए राजी हुए हैं क्योंकि भगवा पार्टी का अपने गठबंधन सहयोगियों के प्रति व्यवहार में बदलाव आया है। ठाकरे ने अपने आवास पर शिवसेना कार्यकर्ताओं से यह बात कही।
शिवसेना और भाजपा ने सोमवार को ही घोषणा की है कि वे लोग लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे। ठाकरे ने कहा, ‘मैंने महसूस किया कि लोगों के प्रति उनके व्यवहार में बदलाव आया है, इसलिए मैंने भाजपा से हाथ मिलाने का फैसला लिया।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा का यह प्रस्ताव उन्हें मंजूर नहीं है कि जिस पार्टी के ज्यादा विधायक होंगे उसका मुख्यमंत्री होगा।
उन्होंने कहा, ‘मैं शिवसेना का मुख्यमंत्री देखना चाहता हूं और मैं इसके लिए काम करूंगा।’ ठाकरे ने कहा कि समझौते में मैं जीत चुका हूं और अब असल लड़ाई, चुनाव जीतना है।
हालांकि इससे पहले, भाजपा के साथ शिवसेना के गठबंधन को लेकर सोशल मीडिया पर उद्धव ठाकरे की खिंचाई हो रही थी, क्योंकि पूर्व में उन्होंने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। सोमवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ मंच पर आकर सत्तारूढ़ सहयोगियों के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा पर शिवसेना प्रमुख के खिलाफ सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बात की गई हैं और उनके नाम उद्धव ठाकरे के प्रारंभिक अक्षरों यू टी को ‘यू टर्न ठाकरे’ करार दिया गया।
भाजपा और शिवसेना में हुए गठबंधन के तहत महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से भाजपा 25 पर और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दोनों पार्टियां इस साल प्रस्तावित 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बराबर-बराबर सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि जनभावना यह है कि दोनों दलों को एक साथ आना चाहिए।