क्यों सिंघवी भाजपा में शामिल होने को लेकर दे रहे हैं सफाई

By Harish Tiwari  |  First Published May 9, 2020, 12:39 PM IST

असल में पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया में सिंघवी को लेकर चर्चा हो रही है। सिंघवी कांग्रेस के बड़े नेता है और कानून मंत्री भी रह चुके हैं। लेकिन पार्टी से नाराज चल रहे हैं।  अगर देखे तो कांग्रेस में वरिष्ठ और कनिष्ठ की लड़ाई तेज चल रही है और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले नेता पार्टी में साइडलाइन हैं। वहीं वरिष्ठ नेताओं को तवज्जो दी जा रही है। 

नई दिल्ली। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगने जा रहा है। हालांकि सोशल मीडिया में इसको लेकर जबरदस्त चर्चा चल रही है और कांग्रेस इन दावों को खारिज कर रही है। सोशल मीडिया में चर्चा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। क्योंकि कांग्रेस में नेताओं के बीच में जबरदस्त लड़ाई चल रही है। हालांकि सिंघवी ने अब मीडिया में सामने आकर इन दावों को खारिज किया है। लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि सिंघवी के बारे में ही सोशल मीडिया में चर्चा क्यों हो रही है।

असल में पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया में सिंघवी को लेकर चर्चा हो रही है। सिंघवी कांग्रेस के बड़े नेता है और कानून मंत्री भी रह चुके हैं। लेकिन पार्टी से नाराज चल रहे हैं।  अगर देखे तो कांग्रेस में वरिष्ठ और कनिष्ठ की लड़ाई तेज चल रही है और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले नेता पार्टी में साइडलाइन हैं। वहीं वरिष्ठ नेताओं को तवज्जो दी जा रही है।

अगर पिछले एक साल में देखें तो भुवनेश्वर कलिता, संजय सिन्हा, अजॉय कुमार, अशोक तंवर, प्रियंका चतुर्वेदी, प्रद्योत देब बर्मन ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। इन नेताओं को राहुल गांधी का करीबी माना जाता था। लेकिन सोनिया गांधी के पार्टी की कमान संभालने के बाद ये नेता सत्ता की धुरी से बाहर हो गए हैं। वहीं पिछले दिनों ही राहुल गांधी के सबसे करीबी सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। 

वहीं सोशल मीडिया में चर्चा है कि सिंघवी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। क्योंकि पिछले दिनों ही उन्होंने सीसीए को लेकर केन्द्र सरकार के पक्ष में बयान दिए थे।  सिंघवी ने कहा था कि केन्द्र सरकार के अध्यादेश की राज्य सरकार अवहेलना नहीं कर सकते हैं। क्योंकि ये एक्ट है जबकि कांग्रेस शासित राज्य सरकारों ने इस एक्ट के खिलाफ राज्यों में अध्यादेश निकाला था। वहीं चर्चा इस बात की भी थी कि उन्हें भाजपा की तरफ से राज्य सभा सीट या अटॉर्नी जनरल का प्रस्ताव दिया गया है।

लेकिन फिलहाल सिंघवी का कहना है कि कांग्रेस में है और किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं। हालांकि इससे पहले सिंघवी ट्वीट के माध्यम से इन चर्चाओं को खत्म करने की कोशिश की और कहा कि उनको लेकर सोशल मीडिया में अफवाह चल रही हैं।
 

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