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जानें क्यों योगी आदित्यनाथ बोले याचना नहीं अब होगा रण

Published : May 15, 2019, 03:45 PM IST
जानें क्यों योगी आदित्यनाथ बोले याचना नहीं अब होगा रण

सार

लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में 19 मई को 59 सीटों में लोकसभा चुनाव होना है। इसमें उत्तर प्रदेश की 13 सीटें भी हैं। इसी चरण में पश्चिम बंगाल में भी 9 सीटों पर मतदान होना है। लेकिन राज्य में बीजेपी और टीएमसी के बीच जबरदस्त टकराव चल रहा है। राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने बीजेपी नेताओं की ज्यादातर रैलियों को अनुमति नहीं दी है। जिसके कारण रैलियां रद्द कर दी गयी हैं। इसमें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी रैली शामिल है

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के लिए पश्चिम बंगाल के कोलकाता में होने वाली रैलियों के लिए राज्य की ममता सरकार ने अनुमति नहीं दी है। लिहाजा योगी ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को चुनौती देते हुए कहा कि अब याचना नहीं होगा रण।  हालांकि कोलकाता में रैली की अनुमति न मिलने के बाद उन्होंने राज्य के बारासात में रैली कर ममता सरकार पर तीखे हमले किए। 

लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में 19 मई को 59 सीटों में लोकसभा चुनाव होना है। इसमें उत्तर प्रदेश की 13 सीटें भी हैं। इसी चरण में पश्चिम बंगाल में भी 9 सीटों पर मतदान होना है। लेकिन राज्य में बीजेपी और टीएमसी के बीच जबरदस्त टकराव चल रहा है। राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने बीजेपी नेताओं की ज्यादातर रैलियों को अनुमति नहीं दी है। जिसके कारण रैलियां रद्द कर दी गयी हैं।

इसमें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी रैली शामिल है। योगी की आज कोलकाता में दो रैलियां होनी थी, लेकिन कल ही ममता सरकार ने योगी की रैलियों को अनुमति नहीं दी है। लिहाजा आज योगी ने ट्विट कर कहा कि अब याचना नहीं बल्कि रण होगा। उनका सीधा इशारा ममता बनर्जी पर था। योगी ने अपने ट्विट के जरिए कहा कि तानाशाहों तक यह संदेश पहुंचे कि राम इस देश के कण-कण में हैं, स्वतंत्रता इस देश की जीवनी-शक्ति है और मैं बंगाल के क्रांतिधर्मी युयुत्सु का आह्वान कर रहा हूँ।

हालांकि योगी की कोलकाता में रैली रद्द होने के बाद उन्होंने पश्चिम बंगाल के बारासात में रैली की। गौरतबल है कि कल ही अमित शाह के रोड शो से पहले राज्य में बवाल हुआ है। इससे पहले ममता सरकार ने स्मृति ईरानी की रैलियों को भी अनुमति नहीं दी थी।
 

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