कुमारस्वामी का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि भाजपा ने कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों को तोड़कर राज्य में सरकार बनाई। जो कुमारस्वामी के लिए बड़ा झटका था। लेकिन उसके बावजूद कुमारस्वामी भाजपा को लेकर नरम हो रहे हैं। असल में राज्य में जेडीएस की ताकत कम हुई है। जब राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो पार्टी का एक धड़ा भाजपा को समर्थन देने की मांग कर रहा था।
बेंगलुरु। कर्नाटक में भाजपा की सरकार के प्रति पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी नरम दिखाई दे रहे हैं। माना जा रहा है कि जेडीएस और भाजपा के बीच कुछ खिचड़ी पक रही है। लिहाजा कुमारस्वामी ने साप कर दिया है कि उनकी पार्टी राज्य की भाजपा सरकार को गिराने का प्रयास नहीं करेगी। माना जा रहा है कि मौजूदा राजनीति में अलग-थलग हो चुकी जेडीएस आने वाले दिनों में राजग का हिस्सा बन सकती है।
कुमारस्वामी का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि भाजपा ने कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों को तोड़कर राज्य में सरकार बनाई। जो कुमारस्वामी के लिए बड़ा झटका था। लेकिन उसके बावजूद कुमारस्वामी भाजपा को लेकर नरम हो रहे हैं। असल में राज्य में जेडीएस की ताकत कम हुई है। जब राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो पार्टी का एक धड़ा भाजपा को समर्थन देने की मांग कर रहा था। क्योंकि पार्टी को लग रहा था कि अगर विधायकों की बात नहीं मानी गई तो पार्टी टूट सकती है।
हालांकि पार्टी में टूट नहीं हुई। लेकिन एकाएक कुमारस्वामी का ये बयान की वह राज्य में भाजपा की सरकार को गिराने की कोशिश नहीं करेगी। जबकि राज्य में जेडीएस कांग्रेस के साथ अपना गठबंधन तोड़ चुकी है। जिसके कारण विपक्ष राज्य में पूरी तरह से बंटा हुआ है। हालांकि पिछले दिनों राज्य के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने कहा था कि राज्य में भाजपा की सरकार जल्द ही गिर जाएगी और मध्यावति चुनाव होंगे।
असल में राज्य में कांग्रेस की ताकत कम हो गई है वहीं केन्द्र में कांग्रेस कमजोर हो रही है। दो राज्यों में हुए चुनाव में भी कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई है। लिहाजा जेडीएस को लगता है कि भाजपा की अगुवाई वाले राजग का हिस्सा बनकर उसे फायदा हो सकता है। अगर वह राज्य में सरकार में शामिल नहीं होती है तो भी उसके इसका लाभ मिलेगा। वह मुद्दों के आधार पर सरकार को घेर सकती है और अपनी बात मनवा सकती है। इसके साथ ही केन्द्र में भी उसे कुछ भागीदारी मिल सकती है।